अखिल भारतीय सम्राट अशोक समता परिषद के मुख्य संरक्षक विनोद कुशवाहा अपनी राजनैतिक जमीन खोने के बाद आजकल हताशा और निराशा की गर्त में जा चुके हैं। आज उसी का ये प्रतिफल है कि वे प्रायः समाज और समाजवाद की विचारधारा के विरुद्ध खड़े रहते हैं। उक्त बातें भाजपा के जिला प्रवक्ता सिद्धार्थ कुमार, संचित शाही एवं जिला मीडिया प्रभारी सम्राट कुमार ने सांसद अजय निषाद पर विनोद कुशवाहा द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी के विरुद्ध संयुक्त रूप कहा।
BJP ने जमकर हमला बोलते हुए कहा कि सांसद अजय निषाद पर अवांछित प्रतिक्रिया विनोद कुशवाहा की राजनीतिक हताशा और निराशा का परिणाम है। वैसे भी वे हमेशा से पिछड़े और दलितों को समाज के मुख्यधारा से अलग-थलग कर अपनी राजनैतिक रोटी सेकने की जुगत में लगे रहते हैं। उनकी राजनीति का आधार ही विच्छेद करना है और ये उसी का प्रतिफल है। जिसके कारण वे जनमत के प्रचंड सहयोग से साढ़े चार लाख से अधिक मतो से जीत कर इतिहास में अपना और अपने क्षेत्र की जनता के सम्मान और स्वाभिमान का अमिट छाप छोड़ने वाले सांसद अजय निषाद जी की जीत को अनुकंपा जैसे तुच्छ शब्दों से अलंकृत कर जनादेश का अपमान करने की धृष्टता कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विनोद कुशवाहा ना तो जाति की राजनीति करते है ना ही जमात की। उनके अंदर अब नैतिकता और सुचिता का लोप हो चुका है। अगर मंत्री मुकेश सहनी और सांसद अजय निषाद जी के बीच विवाद करा कर शकुशवाहा की अपने किसी निजी हित को साधने की मंशा हों तो हमारी सलाह है उन्हें कि पहले उन्हें किसी पार्टी की विधिवत सदस्यता ले लेनी चाहिए।
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