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एसकेएमसीएच में मरीजाें काे दवा, इलाज, डाॅक्टर व पारामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति समेत सभी कार्य व विभाग शीघ्र ही ऑनलाइन हाेंगे। इसके लिए प्रबंधन मुंबई से इंजीनियर बुलाएगा। सभी विभागाें के ऑनलाइन हाेने पर विभाग के समाने एक-एक डिस्प्ले बाेर्ड भी लगेगा। इस पर सभी वर्तमान गतिविधियां अंकित रहेंगी।
प्रबंधन का मानना है, इस व्यवस्था से पार्दशिता आएगी। वहीं, मरीजाें काे भी इलाज ठीक से हाे सकेगा। प्राचार्य डाॅ. विकास कुमार ने शुक्रवार काे बताया, ऑनलाइन प्रक्रिया करने से कई प्रकार की सुविधाएं मरीजाें काे आसानी से मिलने लगेंगी। उन्हाेंने बताया, कई बार ऐसा हाेता है कि सेंट्रल गाेदाम में कई दवाइयां रहती हैं, लेकिन मरीजाें काे नहीं मिलती हैं।
इसका मुख्य कारण है कि ओपीडी या इनडाेर में डाॅक्टराें काे जानकारी ही नहीं हाेती है कि काैन सी दवा उपलब्ध है। वहीं, डिस्पले-बाेर्ड लगने से मरीज या उनके परिजन भी देख सकेंगे कि अस्पताल में काैन सी दवा उपलब्ध है। इससे बाहर से दवा मरीज काे नहीं खरीदनी पड़ेगी।
ऑफलाइन व्यवस्था हाेने से दवाइयाें के एक्सपायर हाेने की कई बार जानकारी नहीं मिलती: ऑफलाइन व्यवस्था से कई बार दवाइयाें के एक्सपायर हाेने की जानकारी नहीं मिलती है। ऐसे में इस ग्रुप की दूसरी दवा भी बीएमआईसीएल से मांग ली जाती है। प्राचार्य ने कहा, ऑनलाइन व्यवस्था हाेने से काेई भी दवा एक्सपायर हाेने से पहले ही जानकारी मिलेगी।
इधर, दर्द अब भी कायम: बर्न वार्ड के ग्रिल पर परिजन टांग रहे गैस के छोटे सिलेंडर
एसकेएमसीएच के बर्न व अन्य वार्डाें में भर्ती मरीजाें के परिजन खाना बनाने के बाद सिलेंडर काे ग्रिल पर टांग देते हैं। फिर शाम में उसे उतार कर खाना बनाते हैं। यह सिलसिला लगातार चलता रहता है। ग्रिल में सिलेंडर टांगने की वजह से हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन मरीजाें के परिजनाें काे खाना बनाने के लिए काेई सुरक्षित स्थान नहीं दे सका।
छात्राें काे बेसिक लाइफ सपाेर्ट माॅड्यूल से ट्रेनिंग
एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र समेत एसकेएमसीएच के सभी कर्मियाें काे बेसिक लाइफ सपाेर्ट माॅड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी। एक माह की इस ट्रेनिंग में सफाई कर्मी, डाॅक्टर व सभी पारामेडिकल स्टाफ काे भी शामिल किया जाएगा। इसे लेकर प्राचार्य डाॅ. विकास कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार काे सभी विभागाध्यक्षाें की बैठक हुई।
इसमें सभी काे अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई। प्राचार्य ने बताया, प्रत्येक व्यक्ति काे जीवन-यापन के दाैरान प्राथमिक ताैर पर प्रतिकूल परिस्थिति अाने पर बचाव के तरीके की जानकारी हाेनी चाहिए। प्रथम वर्ष में इस माॅड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही काॅलेज व अस्पताल के सभी कर्मियाें काे भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
औराई में एक्सपायर दवा खेताें में मिली थी, जांच में हो गई लीपापोती
जून 2019 में औराई पीएचसी में बड़ी मात्रा में दवा एक्सपायर हाेने के बाद पीएचसी कर्मियाें ने खेत में फेंक दिया था। मामला सामने आने पर जांच भी हुई, लेकिन जांच अधिकारी ने क्लीनचिट दे दी थी।
सदर अस्पताल में ऑनलाइन व्यवस्था एक माह में हो गई थी फेल, सबक लेने की जरूरत
बता दें कि सदर अस्पताल में सेंट्रल गाेदाम व ओपीडी की दवाओं का भी ऑनलाइन शुरुआत हुई थी, लेकिन एक माह में ही यह व्यवस्था खत्म हाे गई। अब पहले की तरह यहां ऑफलाइन व्यवस्था है। सेंट्रल गाेदाम से दवा सदर अस्पताल काे सप्लाई की जाती है।
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