कोहरा पड़ना अभी शुरू हुआ नहीं है। लेकिन, कोहरे को लेकर पूर्व मध्य रेलवे ने लंबी दूरी की दो दर्जन जोड़ी ट्रेनों का परिचालन दिसंबर से फरवरी माह तक रद्द कर दिया है। इसमें डेढ़ दर्जन जोड़ी ट्रेनें पूर्ण तौर पर तो आधा दर्जन से अधिक यात्रा के दिनों में कटौती करते हुए रद्द की गई हैं। ऐसे में तीन-चार माह पहले ट्रेनों में रिजर्वेशन कराए लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। खास कर वैसे लोगों के लिए ज्यादा, जिन्होंने कहीं शादी में जाने के लिए टिकट बुक कराया है। क्योंकि, यात्रा से ऐनवक्त पहले कंफर्म टिकट किसी ट्रेन में नहीं मिल रहा है।
डुमरी के ओमप्रकाश गुप्ता के छोटे बेटे की शादी उत्तर प्रदेश के हाथरस में है। इसके लिए उन्होंने एक दिसंबर की तारीख में स्वतंत्रता सेनानी में यात्रा के लिए तीन माह पहले स्लीपर में 54 सीटाें का रिजर्वेशन लिया था, लेकिन अब ट्रेन कैंसिल होने से मायूस हैं। अब आनन-फानन में बारातियाें काे ले जाने की व्यवस्था कैंसे करें, इसके लिए परेशान हैं। यह दर्द सिर्फ इनका ही नहीं है। इनके जैसे कई लाेग हर दिन टिकट कैंसिल कराने के लिए पहुंच रहे हैं। ओमप्रकाश का कहना है, तीन माह पहले रिजर्वेशन कराने पर 36 हजार रुपए खर्च आया था। सभी सीटें कंफर्म थीं। अब ट्रेन रद्द होने से उन्हें 50-60 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इसमें भी कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है। इससे आने-जाने में परेशानी हाेगी।
कोहरे को लेकर रेलवे ने दिसंबर से फरवरी तक कई ट्रेनों का परिचालन रोका
बड़ा सवाल : रिजर्वेशन क्यों जब हर वर्ष होती है ट्रेन रद्द
ऐसा नहीं है कि रेलवे ने पहली बार संभावित कोहरे को लेकर ट्रेनों का परिचालन रद्द किया है। बल्कि हर साल अक्टूबर-नवंबर से ही दिसंबर, जनवरी व फरवरी में चलने वाली ट्रेनें रद्द करने की घोषणा करने लगता है। वजह बताई जाती है कि कोहरे के कारण ट्रेनें काफी विलंब हो जाती हैं। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि जब रेलवे को पता रहता है कि हर साल इन तीन महीनों के दौरान कोहरे पड़ेंगे हीं। तो चार माह पहले से टिकट रिजर्वेशन क्यों किया जाता है।
अब टिकट बुक कराने पर मिल रही लंबी वेटिंग
दरअसल, इन दिनाें शादियाें का सीजन होने के कारण लाेगाें ने दाे-तीन माह पहले आने-जाने के लिए टिकट बुक कराया था। लेकिन अब संभावित काेहरे काे लेकर ट्रेनें रद्द की जा रही हैं ताे कुछ की दूरी कम हाे रही है। वहीं, कुछ के रूट बदले जा रहे हैं। इससे लाेगाें काे दिक्कत हाे रही है। यात्रा से एक सप्ताह पहले ट्रेन कैंसिल होने से दूसरी ट्रेनाें में भी कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा।
9 बार लाइन में लगा तब रद्द हुए 54 टिकट
यही नहीं, ट्रेन रद्द होने के बाद टिकट कैंसिल कराने के लिए भी यात्रियाें काे काउंटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। ओमप्रकाश के अनुसार, 54 टिकट कैंसिल कराने के लिए वे 9 बार लाइन में लगे। यही स्थिति दूसरी ट्रेन में टिकट लेने के लिए रही। उन्हें नया रिजर्वेशन लेने के लिए कई बार लाइन में लगना पड़ा।
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