जदयू संसदीय बाेर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बागी तेवर के बीच जिले में भी खेमेबंदी तेज हाे गई है। जदयू राष्ट्रीय परिषद के सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पर हमले ने फकुली कांड की यादें ताजा कर दी है। मंगलवार काे नाजिरपुर स्थित आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब जॉर्ज फर्नांडिस पार्टी से अलग हुए थे, तब भी उन पर हमले हुए थे। उन्हाेंने जदयू के कमजाेर हाेने की बात उठाई ताे हमले हाेने लगे। कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव में यदि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लालू यादव काे जीत का संदेश देने का इमाेशनल कार्ड नहीं खेलते ताे जदयू तीसरे नंबर पर हाेती।
हार के बाद कहा गया कि उम्मीदवार चयन में गलती हुई। आखिर यह चयन किसने किया? 75 लाख सदस्यता की बात कही जा रही है। वास्तविक में धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ है। वाेटर लिस्ट उतार देने से सदस्यता नहीं हाे जाती। उन्हाेंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बाेलते हुए कहा कि वे कहते हैं कि समाजवादी हैं। लेकिन, अब वे परिवारवादी हाेकर रह गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा परिवारवाद से अलग समाजवाद के हिस्सेदारी की आवाज उठा रहे हैं। इस माैके पर महात्मा फुले समता परिषद के राजू कुशवाहा आदि माैजूद थे।
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