DRI और कस्टम टीम द्वारा मुजफ्फरपुर में जब्त 3 करोड़ के सोने की बिस्कुट की तस्करी मामले में अहम जानकारी सामने आई है। गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि बनारस के दो आभूषण व्यवसायियों ने म्यांमार से इसे मंगाया था, जिसे मुम्बई के तस्करों को सप्लाई करने की योजना थी।
सूत्रों की माने तो मुज़फ़्फ़रपुर DRI के अलावा बनारस व मुंबई की टीम भी छानबीन में जुट गई है। मुम्बई के तस्करों और बनारस के व्यवसायियों का सत्यापन किया जा रहा है। गिरफ्तार तस्कर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला के सुहवल थाना क्षेत्र के युवराजपुर के शक्ति कुमार सिंह, बलिया जिला के महधानपुर के राणा प्रताप और साउथ वेस्ट दिल्ली के सगरपुर के नागेंद्र भारती ने म्यांमार, बनारस और मुंबई के तस्करों के नाम DRI को बताए हैं।
इसी आधार पर टीम आगे की कार्रवाई कर रही है। वे बनारस के आभूषण कारोबारी के यहां नौकरी करते है। वेतन के अलावा हेराफेरी के लिए अतिरिक्त 20 हजार रुपए मिलते थे। सोने के बिस्कुट 24 कैरेट के बताए गए हैं।
गुवाहाटी के मुकेश ने दिया था बिस्कुट छानबीन में पता लगा कि गुवाहाटी के तस्कर मुकेश कुमार सिंह ने इन तीनों को सोने की बिस्कुट उपलब्ध कराई थी। तस्करों के पास से जब्त मोबाइल से भी महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। ये लोग व्हाट्सएप से कॉलिंग और चैटिंग करते थे। ताकि पकड़ में नहीं आ सके।
जयनगर के तस्कर की 95 लाख की जब्त चांदी में संलिप्तता गत दिनों मनियारी टोल प्लाजा के समीप कार से जब्त 260 किलोग्राम चांदी के बूंदी मामले में पकड़े गए तस्करों ने कई खुलासे किए हैं। DRI को बताया है कि वे लोग मधुबनी के जयनगर स्थित इंडो-नेपाल बोर्डर से चांदी की बुंदी तस्करी कर भारत लाए थे। जिसे मुजफ्फरपुर के आभूषण कारोबारी विकास अग्रवाल ने 95 लाख में खरीदा था।
जयनगर में ‘कारी’ नाम के तस्कर ने उसे चांदी की बुंदी सौंपा था, जिसे विकास अग्रवाल ने संतोष के हाथों बेच दिया था। इसे लेकर उनका बेटा शशांक अग्रवाल, संतोष व अन्य बेचने के लिए कोलकता जा रहें थे। इस दौरान सभी पकडे गए थे। जयनगर के तस्कर का नाम सामने आने के बाद टीम उसकी तलाश में जुट गई है।
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