बागमती, गंडक के बाद बूढ़ी गंडक के उफान में भी कमी आने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत मिली है। लेकिन, अब बागमती की पुरानी धारा ने परेशानी बढ़ा दी है। पुरानी धारा का पानी मीनापुर, बोचहां और गायघाट प्रखंड के नए इलाकों में तेजी से फैल रहा है। बूढ़ी गंडक नदी का पानी बागमती की पुरानी धारा में मिल जाने से मीनापुर प्रखंड की सभी पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
बागमती की पुरानी धारा मीनापुर के मकसूदपुर से निकलते हुए आगे बोचहां के सनाठी घाट तथा बहलोलपुर घाट होते हुए गायघाट प्रखंड में जाती है। इस कारण बागमती की पुरानी धारा का पानी पूरे मीनापुर प्रखंड को प्रभावित करने के बाद आगे बोचहां प्रखंड के झपहां स्थित सीआरपीएफ कैंप के पीछे के मोहल्ले से लेकर गरहां से लोहसरी होते हुए गायघाट प्रखंड के विभिन्न हिस्सों में तेजी से फैल रहा है। बोचहां के खलिदपुर, सनाठी, मिलखी, ईश्वरपट्टी व मुशहरी के बसौली में बाढ़ का पानी भर गया है। गरहां-बसौली सड़क पर डेढ़-दो फीट पानी बह रहा है। जिस कारण मार्ग पर आवागमन बाधित है।
बूढ़ी गंडक नदी के दाएं तटबंध पर आधा दर्जन से अधिक स्थानाें पर दबाव | बुधवार को 4 सेंटीमीटर की कमी आने के बाद भी बूढी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर रहने से बूढ़ी गंडक के दाएं तटबंध पर मोरसंडी मठिया एवं बहादुरपुर कोठिया में दायां तटबंध पर कटाव जारी है। साथ ही मोतीपुर से लेकर मरौल प्रखंड तक आधा दर्जन स्थानों पर पानी का अत्यधिक दबाव बना हुआ है। बाढ़ के कारण विस्थापित हुए शहर के निचले इलाकों के लोग फोरलेन और बांध पर डेरा जमाए हुए हैं।
बूढ़ी गंडक का जलस्तर सिकंदरपुर में अभी भी खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर शहर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान 52.53 मीटर से ऊपर 53.48 मीटर पर, गंडक नदी का जलस्तर रेवा घाट में खतरे के निशान 54.41 से नीचे 54.05 मीटर एवं बागमती नदी का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान 55.23 से नीचे 54.60 एवं बेनीबाद में खतरे के निशान 48.68 से ऊपर 49.20 मीटर पर घट रही है।
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