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(शैलेश कुमार) शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने और तेल के खेल पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम द्वारा खरीदे गए जीपीएस बेकार पड़े हुए हैं। तीन साल पहले इसे लेकर 50 जीपीएस की खरीदारी की गई। लेकिन, चंद माह में ही एक-एक कर सभी खराब हो गए।
इधर, प्रतिदिन नगर निगम के सफाई वाहनाें में तकरीबन डेढ़ लाख रुपए का तेल फूंका जा रहा है। लेकिन, शहर में सड़काें पर कचरा पड़े रहना आम है। नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि 2 लाख 43 हजार रुपए खर्च कर 2017 में 50 जीपीएस की खरीदारी हुई थी। ताकि, शहर में सफाई कार्य सही तरीके से चले और उसकी मॉनिटरिंग जीपीएस के जरिए हाे सके।
इससे तेल खर्च का भी सही-सही आंकड़ा मिलना था। लेकिन, एक-एक कर सभी जीपीएस खराब होते गए और तेल के खेल में उनकी मरम्मत कराने की जरूरत नहीं समझी गई। बता दें कि शहर में कचरा उठाने के लिए 43 ट्रैक्टराें के साथ-साथ 20 ऑटो टिपर, एक कंपैक्टर व दाे जेसीबी के इस्तेमाल का नगर निगम का दावा है।
वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल समेत कई अन्य पार्षदाें ने कहा कि ट्रैक्टर खराब रहने से कूड़ा वार्ड में पड़ा रहता है। ऐसे में अगर जीपीएस चालू रहता तो सफाई की मॉनिटरिंग के साथ-साथ तेल खर्च पर भी नियंत्रण रहता।
बहलखाना प्रभारी व विकास शाखा पर उठा सवाल, एक सप्ताह में दुरुस्त कराने का निर्देश
इस बीच जीपीएस खराब रहने की जानकारी मिलने पर हाल में नगर निगम की कमान संभाले नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय बेहद खफा हैं। उन्हाेंने जिम्मेदार अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर सभी जीपीएस काे दुरुस्त कराने का निर्देश दिया है। बहलखाना प्रभारी पर मुजफ्फरपुर में कूड़ा उठाव के लिए ट्रैक्टर व्यवस्था करने से लेकर तेल आपूर्ति तक की जवाबदेही है।
जीपीएस खराब रहने की स्थिति में सफाई वाहनाें की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है। ऐसे में किस गाड़ी में कितने तेल की खपत हुई, उस पर नियंत्रण नहीं रह पा रहा है। अनियमितता की आशंका को देखते हुए नगर आयुक्त ने गहरी नाराजगी जताई है। उन्हाेंने कहा कि विकास शाखा की ओर से जीपीएस की खरीदारी की गई, लेकिन मेंटेन नहीं किया गया।
शहर में प्रतिदिन निकलता है करीब 180 टन कचरा
मुजफ्फरपुर शहर में प्रत्येक दिन करीब 180 टन कचरा निकलता है निकलता है। त्योहार और दीपावली के मौसम में कचरा की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है। एक कंपैक्टर से 6 ट्रैक्टर के बराबर कचरा ढाेया जाता है। मुजफ्फरपुर नगर निगम के पास कंपैक्टर भी उपलब्ध है।
जिले की पुलिस गश्ती गाड़ियों के जीपीएस भी अक्सर रहते बंद, नहीं मिलता लोकेशन
लाेकेशन जानने को पुलिस की गश्ती गाड़ियाें में भी जीपीएस लगा था। यह व्यवस्था इस शिकायत पर हुई थी कि पुलिस गश्ती गाड़ियां रात में एक ही जगह खड़ी रहती हैं। वाहनाें में ईंधन का अावंटन भी बढ़ा। अभी 120-180 लीटर तक ईंधन मिलता है। लेकिन, अक्सर ये जीपीएस बंद मिलते हैं। हालांकि, एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि जीपीएस बंद नहीं हो सकता। किसी खराबी के कारण बंद हाेता है ताे उसे तुरंत ठीक कराया जाता है।
इधर, पर्व-त्याेहार के दाैरान भी शहर में पड़े हुए हैं कूड़े के ढेर
दुर्गा पूजा को लेकर हुए दो दिनों के अवकाश के दाे दिन बाद बुधवार को भी शहर में कई जगह कूड़े के ढेर लगे रहे। नगर निगम अधिकारी का कहना है कि दुर्गा पूजा के मौके पर 2 दिनाें तक सफाईकर्मी अवकाश पर थे। इस वजह से कूड़ा का बैकलॉग हो गया है। दिन-रात अभियान चलाकर कूड़ा उठाया जा रहा है। जल्द ही पूरे शहर की सफाई करा दी जाएगी।
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