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जाति, आवासीय, आय समेत अन्य प्रमाण पत्र के साथ आवश्यक सुविधाओं के लिए जिले के लाेग खासे परेशान हैं। सरकार ने ये सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन और काम के लिए समय तय कर दी है। सात जनवरी से इन सुविधाओं काे और भी आसान बनाने के लिए उपभाेक्ताओं काे मोबाइल फाेन पर लिंक भेजना है। इसीलिए सर्वर काे अपडेट किया गया।
लेकिन, काम आसानी से हाेने के बदले और भी कठिन हाे गया। सर्वर दिन भर काम ही नहीं करता है। लाेगाें का काम भी नहीं हाे पाता है। आवश्यक सुविधाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं हाे पाता है। सर्वर नहीं खुलने के कारण राेज के आवेदनों की रिपोर्ट एकत्र नहीं हाे पाती है। इससे जिलास्तर पर मॉनिटरिंग भी नहीं हाे पाती है। अव्वल यह कि रतजगा करने के बाद ही अाधी रात में आवेदन हाे पाता है।
आवेदन का फाॅर्मेट डाउनलोड ही नहीं हाे पाता है
आरटीपीएस केंद्र हाें, वसुधा केंद्र हाें अथवा साइबर कैफे कहीं से भी आवेदन फाॅर्मेट डाउनलोड ही नहीं हाे पाता है। शुक्रवार काे मुशहरी अंचल से आवासीय और आय प्रमाण पत्र देने के लिए आवेदन काे पहुंची छपरा मेघ की विजया लक्ष्मी, डुमरी की साधना कुमारी, शहरी क्षेत्र की खुशबू कुमारी, शिवम कश्यप प रंजीत काे भी ऐसी परेशानी हुई।
आधी रात तक जागें, ताे ही कर सकते आवेदन
आवेदन करना कितना मुश्किल है इसका अंदाजा इसी से लग सकता है कि रात के एक बजे से अलस्सुबह तीन बजे के बीच जरूरतमंद लाेग जाग रहे हाेते हैं। वजह यह कि इसी अवधि में सर्वर कुछ काम करता है। रातभर जागने के बाद किए आवेदन की पावती में 10 दिनों में प्रमाण पत्र मिलने की सूचना मिलती है। लेकिन, वास्तव में 15 दिन के बाद भी इसका लिंक मोबाइल नंबर और ईमेल पर नहीं आता है। जिला आईटी कार्यालय में इसकी शिकायत करने पहुंचे गायघाट के डाटा एंट्री ऑपरेटर ने बताया कि अलस्सुबह तीन बजे सर्वर खुलने की प्रतीक्षा में रात भर जागना पड़ता है।
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