बिहार का मुजफ्फरपुर और यूपी का श्रावस्ती जिला देश के ऐसा जिलाें में शामिल हाे गया है, जिनके पास फाइलेरिया उन्मूलन के लिए अपनी कार्ययाेजना है। नीति आयोग ने इन दाेनाें जिलाें की कार्ययाेजना की सराहना की है। बीमारी की राेकथाम के लिए गेल इंडिया भी आगे आया है। गेल इंडिया ने मुजफ्फरपुर के फाइलेरिया मरीजाें के इलाज व अन्य बचाव कार्य के लिए सीएसआर फंडिंग करने की बात कही है।
नीति आयोग द्वारा जिले की कार्ययाेजना की सराहना किए जाने के बाद 2023 तक फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने का संकल्प लिया गया है। दरअसल, फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर नीति आयोग ने नेशनल वेक्टर बाॅर्न डिजीज कंट्राेल के अधिकारियाें और मुजफ्फरपुर समेत देश के 55 जिलों के डीडीसी के साथ वीडियाे कॉन्फ्रेंसिंग कर स्थिति का जायजा लिया।
इसमें बिहार के मुजफ्फरपुर के डीडीसी आशुतोष द्विवेदी और यूपी के श्रावस्ती जिले के डीडीसी द्वारा बताई गई कार्ययाेजना काे नीति आयोग ने सर्वाेतम माना। डीडीसी ने नीति आयोग काे बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग के पास मात्र 500 फाइलेरिया मरीजाें की सूची थी। इसकाे जीविका के माध्यम से प्लान बनाकर घर-घर सर्वे कराया गया। ताे मरीजाें की संख्या 15 हजार हाे गई।
हाइड्राेसिल के मरीज भी बड़ी संख्या में मिले। इसे राेकने के लिए लाइन लिस्टिंग बनाई गई है। मरीजाें की ग्रेडिंग कर उनके इलाज की प्लानिंग बनाई गई है। अक्टूबर में नाइट ब्लड सर्वे शुरू हाेगा। प्रति प्रखंड से 600 सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी। इसके लिए रैंडम और स्थायी कैंप बनेगा। 20 साल से अधिक उम्र के लाेगाें का रात 8 से 12 के बीच यह सैंपल लिया जाएगा। इसके बाद दवा खिलाई जाएगी।
नेशनल वेक्टर बाॅर्न डिजीज कंट्राेल और मुजफ्फरपुर समेत देश के 55 जिलों के डीडीसी के साथ नीति आयोग ने की वीसी
इधर, उन्मूलन काे लेकर सेमिनार आयाेजित
फाइलेरिया उन्मूलन काे लेकर गुुुरुवार काे सेमिनार आयोजित हुई। सीएस डाॅ. यूसी शर्मा ने बीमारी से बचाव के लिए कई स्तराें पर काम किए जाने की बात कही। डब्ल्यूएचओ की डाॅ. माधुरी व डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया काे राेकने के लिए काफी कार्य करने की जरूरत है। 28 सितंबर को लैब टेक्नीशियन को राज्यस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भास्कर ने फाइलेरिया मरीज बढ़ने का उठाया था मुद्दा
दैनिक भास्कर ने 13 अगस्त काे जिले में करीब 30 हजार फाइलेरिया मरीजाें के हाेने की रिपाेर्ट प्रकाशित की थी। इसपर डीडीसी ने जीविका से सर्वे कराया। जिसमें अबतक 15 हजार से अधिक मरीज सामने अा चुके हैं। यह संख्या 30 हजार तक हाेने की संभावना है।
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