शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है जिसे लेकर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी करते हुए नदियों और तलाब में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है। मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न इलाकों में दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण एवं पंडाल आदि की साज-सज्जा को लेकर तैयारियां जोरशोर से जारी है। विभिन्न पूजा समितियों द्वारा विगत एक माह पूर्व से ही दुर्गा पूजा पूजा काे लेकर क्रियाकलाप शुरू हाे चुका है। इस बीच केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, नई दिल्ली द्वारा दुर्गा पूजा में मूर्ति स्थापित करने और विसर्जन को लेकर नई गाइडलाइन देते हुए सभी पूजा समितियों को इसका अनुपालन करना अनिवार्य बताया है। गाइडलाइन में मूर्तियों के विसर्जन के लिए पर्याप्त संख्या में कृत्रिम तालाब का निर्माण कर पूजा समितियों को इनके साथ चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है। इसके आलोक में जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है। जिसमे मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई गई है।
बनाया जाएगा कृत्रिम तालाब
नगर आयुक्त आशुतोष दिवेदी ने देते हुए बताया कि कृत्रिम तालाबों या विसर्जन स्थलों का निर्माण कर मूर्ति विसर्जन की ऐसी घटनाओं से पूर्व जन जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से जनता और पूजा समितियों को सूचित करने का निर्देश दे दिया गया है। कृत्रिम तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। शहर में छह जगहों पर तलाब का निर्माण कराया जायेगा। सभी पूजा समितियों को निर्देश दे दिया गया है। अखाड़ाघाट, आश्रम घाट समेत अन्य जगहों पर तलाब का निर्माण कराया जायेगा।
सख्ती से कराया जायेगा अनुपालन
नगर आयुक्त ने कहा की नदी और तलाब की पानी मूर्ति विसर्जन के कारण प्रदूषित होने लगती है। इस कारण विसर्जन पर रोक लगा दी गई है। इसका सख्ती से अनुपालन भी कराया जायेगा। पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी इससे अवगत करा दिया गया है। इसका उल्लघ्न करने वालो पर कारवाई भी हो सकती है। नदी और तलाब के पास पुलिस और प्रशासन की टीम मुस्तैद रहेगी। ताकि आदेश का अनुपालन कराया जा सके।
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