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जिले का इकलौता वीमेंस कॉलेज जहां प्रतिवर्ष चार हजार छात्राएं नामांकित होती हैं। यहां स्नातक तक की पढ़ाई तो होती है लेकिन पीजी की पढ़ाई नहीं होने से छात्राओं को दूसरे शहर व कॉलेजों में आगे की पढ़ाई के लिए भटकना पड़ता है। इससे छात्राओं को परेशानी हो रही है। कॉलेज अलग होने से अधिकतर छात्राएं आगे की पढ़ाई नहीं कर पातीं। छह साल पूर्व 2015 में नैक(एनएएसी) की टीम ने इस कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू करने की अनुशंसा की थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन द्वारा विवि व निदेशक उच्च शिक्षा को बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद पीजी की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई।
वर्ष 2015 में नैक की टीम ने वीमेंस कॉलेज समस्तीपुर में पीजी की पढ़ाई के लिए की थी अनुशंसा
अभी सिर्फ स्नातक की पढ़ाई
वीमेंस कॉलेज में वनस्पति शास्त्र, जन्तु विज्ञान, भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित, इतिहास, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, गृह विज्ञान, समाज शास्त्र, दर्शनशास्त्र, हिन्दी, अंग्रेजी, मैथिली, उर्दू, संस्कृत व संगीत विषय में स्नातक तक की पढ़ाई होती है।
नैक को पसंद आया स्ट्रक्चर
कॉलेज के प्रधानाचार्य बताते हैं कि वर्ष 2015 में नैक (एनएएसी) की टीम में कॉलेज का निरीक्षण किया था। छात्राओं की संख्या व कॉलेज की इंफ्रास्ट्रक्चर देख यहां पीजी की पढ़ाई शुरू करने की अनुशंसा की थी। टीम का कहना था कि मुफ्त शिक्षा आदि का लाभ लड़कियों को मिलता।
कॉलेज ने इन विषयों में मांगी पीजी की पढ़ाई की अनुमति
वीमेंस कॉलेज प्रशासन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में महाविद्यालय निरीक्षक कला को पत्र लिख कर कम से कम समाजशास्त्र, संगीत, गृह विज्ञान, अंग्रेजी व हिन्दी विषय में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए पत्राचार किया है।
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