बिहार के समस्तीपुर में धर्म परिवर्तन का एक अनोखा मामला सामने आया है। पंचायत के फैसले से नाराज युवक ने अपना धर्म बदल लिया है। घटना जिले के ताजपुरा थाना क्षेत्र के भेरोखारा गांव की है। यहां एक युवक ने 15 साल बाद अपने पुराने धर्म (हिन्दू) में वापसी की है। युवक का नाम मोहम्मद अब्दुल्ला है। अब वह पुराना उमेश राय बन गया है।
उमेश उर्फ अब्दुल्ल ने बताया, 'हाल में पड़ोस के रियाज से झगड़ा हुई थी। उसने मुझे जान से मारने की कोशिश की। इसके बाद हमने गांव में पंचायत बुलाया। पंचायत ने उल्टे मुझे ही गुनहगार मानते हुए उसको बरी कर दिया। इससे आहत होकर मैंने फिर से हिन्दू धर्म में वापसी का मन बनाया और शनिवार को सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में घर वापसी कर गया।'
लोगों ने बताया, '15 साल पहले गांव के उमेश राय ने हिन्दू धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म अपना लिया था। तब उसने अपना नाम अब्दुल्ला रखा था। अब वह वापस अपने पुराने धर्म में आ गया है। इससे गांव में जश्न का माहौल है।'
लोगों ने गांव के काली मंदिर में घर वापसी कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें सबसे पहले मोहम्मद अब्दुल्ला का मुंडन करवाया गया। इसके बाद स्नान कर के हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार पाग और जनेऊ देकर उसकी घर वापसी करवाई गई।
उमेश ने कहा- मेरी हत्या करना चाह रहे थे वो लोग
उमेश ने बताया, 'वहां हमारे ऊपर खतरा था, हमारे साथ अन्याय हुआ है। मुस्लिम समाज ने हमें नकार दिया। फैसला मेरे पक्ष में नहीं हो, इस पर सभी एकतरफा हो गए। मुझे जान से मारने की कोशिश की गई। कुछ और बातें है, जो मेरे जेहन में है। अभी नहीं बता सकता। वहां के 8-10 आदमी मुझ पर हमला करके हत्या करना चाह रहे थे। सुबह वहां से नहीं भागते तो वो घेरकर मेरी हत्या कर सकते थे।'
'मैं अपने मन से घर वापस आया हूं'
उन्होंने बताया, 'सभी लोगों ने एक साथ मन बना लिया था कि मेरे साथ हुई घटना को छुपा लेना है। और इसका मर्डर कर देना है। इसलिए हम वहां से भाग निकले। वहां किसी ने हमको सहारा नहीं दिया और जिसने गलती की, उसके साथ ही सब चले गए। दो दिन दूसरे के यहां सोया। मेरी पत्नी ने भी मेरी बात नहीं मानी। जिसके साथ हमने 15 साल गुजारे हैं। उसने ही बात छुपा ली। इसलिए हम वहां से भाग आए। मेरी जान को खतरा है। मैं अपने मन से घर वापस आया हूं। प्रशासन मुझे सुरक्षा प्रदान करें।'
मोटिवेशन पर पिछली बार बदला था धर्म
15 साल पहले के धर्म परिवर्तन पर उमेश ने कहा, 'एक व्यक्ति के संपर्क में आ गया था। उसने मुस्लिम धर्म के प्रति लगातार मोटिवेट किया। कई तरह की बातें बताई। उसकी बातों से प्रेरित होकर मैंने अपना धर्म बदल लिया था। इन 15 सालों में कई बाद ऐसा एहसास हुआ कि वो लोग दिल से मुझे अपना नहीं मानते थे।'
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