समस्तीपुर में चार दिन से लापता जदयू कार्यकर्ता मो. खलील आलम उर्फ रिजवी का शव मुसरीघरारी थाना की पुलिस ने शुक्रवार रात कल्याणपुर थाना क्षेत्र के बूढ़ी गंडक नदी के ढाब इलाके से बरामद किया। शव मिलने की जानकारी मिलते ही मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम में भेजते हुए मामले की छानबीन में जुट गई है।
घटना के संबंध में मृतक के भाई मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के हुंडहिया गांव निवासी मो. सितारे ने बताया कि बीते 16 फरवरी को 11 बजे वह अपने घर से किसी को छोड़ने के लिए निकला था। इस दौरान उनकी पत्नी ने फोन कर खलील को दूध व सब्जी लाने की बात कह रही थी। तभी अचानक दूसरा आदमी की आवाज आई कि अब खलील ना यह दूध लाएगा और ना ही सब्जी। इस पर पत्नी ने पूछा कि आप लोग कौन हैं तो उधर से कहा गया कि खलील के एकाउंट से पैसा निकाल कर लाओं। इसने हमसे पांच लाख रुपए कर्जा लिया था। पैसा लाओं नहीं तो इसकी किडनी बेच देंगे या जान से मार देंगे। इसके बाद फोन कट गया और फिर स्विच ऑफ आने लगा।
फिर दूसरी बार 17 फरवरी को साढ़े आठ बजे के आसपास फोन आया और बोला कि रिजवी ने हमसे 3 लाख 75 हजार रुपए कर्जा लिया था। आप इसके बाप हैं, कौन हैं, हमे कोई मतलब नहीं। हमे हमारा पैसा से मतलब है, पैसा भेजिए खलील के एकाउंट पर।
इसके बाद 17 फरवरी की सुबह साढ़े नौ बजे के आसपास पैसों के लिए फोन आया तो हमने कहा कि भैया पैसा आपको दे दिया जाएगा। ऐसे करने से कोई मसला थोड़े ही हल होगा। उधर से गाली देते हुए कहा कि जितना कहे उतना पैसा चुपचाप भेजों। वहीं बगल से कोई बोला कि मोबाइल स्विच ऑफ कर कोई बात नहीं करना है।
हम लोगों को पूरा विश्वास है कि पैसा मांगने वाले लोगों ने ही मिलकर पहले उनकी हत्या कर डाली। वहीं, साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से बूढ़ी गंडक नदी के ढाब इलाके में पांच फीट गड्ढा करते हुए नमक डालकर शव को छुपा रखा था। उनके नहीं मिलने से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के पीए को फोन करके सारी जानकारी दिए। इसके बाद पुलिस हरकत में आते हुए उनकी खोजबीन शुरू किया।
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