प्रखंड के दुबहा, बरदाहा, रही चौर के सैकड़ों एकड़ से ऊपर उपजाऊ भूमि पर अभी भी पानी लगा हुआ है। इस बार इस चौर के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि पर किसान गेहूं का फसल नहीं लगा सकते हैं। किसान हताश व निराश बैठे हुए हैं। किसान के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि झील जैसा प्रतीत हो रहा है। किसान ललन यादव,जीवछ यादव,राम एकवाल यादव, सक्कल यादव,शंभू यादव,सुरेश यादव,राम बाबू राय आदि का कहना है कि हमलोगों के साथ हजारों किसान का खेत इस चौर मे है। इस बार अत्यधिक बारिश होने के कारण धान का फसल डूब गया।
यह तक की अभी तक भी हमलोग का उपजाऊ जमीन झील जैसे दिख रहा है। धान के साथ साथ गेंहू की बुआई भी संभव नही है। वहीं सरकार द्वारा जल निकासी की व्यवस्था भी नहीं की जा रही है। न ही सरकार द्वारा फसल क्षति का उचित मुआवजा किसान का मिल रही है। विभाग द्वारा जल निकासी की प्रक्रिया कागज पर ही सिमट कर रह जाती है। किसान हताश व निराश होकर विवश होकर समस्या के निदान की उम्मीद में टकटकी लगाए बैठे हैं। फिलहाल किसान के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि अभि भी जलमग्न है।
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