जुलाई में ही होगा बनकर तैयार:ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर होगा जिला 500 एलपीएस क्षमता का प्लांट बनना शुरू

समस्तीपुर2 वर्ष पहले
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सदर अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट के लिए बेस का निर्माण करते मजदूर। - Dainik Bhaskar
सदर अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट के लिए बेस का निर्माण करते मजदूर।
  • समस्तीपुर सदर अस्पताल में पाइपलाइन से सीधा बेड तक पहुंचेगी ऑक्सीजन

कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सदर अस्पताल के इमरजेंसी के विभाग के सामने 500 एलपीएस की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है। ऑक्सीजन प्लांट के लिए एनएचआई ने बेस बनाने का काम शुरू किया है। निर्माण में जुटे कर्मियों का कहना है कि जुलाई अंत तक बेस का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि सदर अस्पताल के अलावा पटोरी, दलसिंहसराय व पूसा अनुमंडलीय अस्पताल में भी पीएसए (प्रेशर स्विंग अब्साॅप्शन) 500 एलपीएस क्षमता वाला आॅक्सीजन प्लांट बनना शुरू हो गया है। प्लांट के शुरू होने पर बाहर से ऑक्सीजन की निर्भरता समाप्त हो जाएगी।
जुलाई तक पूरा होगा प्लांट लगाने का काम, 500 लीटर ऑक्सीजन होगी उत्पादित : प्लांट लगाने का जिम्मा एनएचएआई व दिल्ली की कंपनी मेडिकल प्रोडक्ट सर्विसेज के पास है। सदर अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में बेस बनाने का काम शुरू हुआ है। संयंत्र को अगस्त के प्रथम से दूसरे सप्ताह में स्थापित कर लिया जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि इसका रख-रखाव स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा। ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन बिछाने का काम भी विभाग द्वारा दिल्ली की कंपनी को अलाॅट किया गया था। पाइप लाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में हैं।

एनएचएआई ने इमरजेंसी वार्ड के सामने बेस बनाने का शुरू किया काम

दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए परेशान थे लोग
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए मरीज व उनके परिजन परेशान हो गए थे। कालाबाजारी में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की खूब बिक्री हुई थी। ऑक्सीजन के प्लांट तक में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा था। मरीजों को ऑक्सीजन बेड के लिए ऊंची पैरवी तक करनी पड़ी थी। हालांकि बाद में कई निजी क्षेत्र के लोगों ने आगे बढ़कर ऑक्सीजन की व्यवस्था की।

12 हजार लीटर के 32 ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की होगी क्षमता

सदर अस्पताल परिसर में 80 लाख रुपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट बन रहा है। इस ऑक्सीजन प्लांट पर में 12 हजार लीटर के 32 सिलेंडर भरे जाऐंगे। प्लांट से प्रतिदिन 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाएगा। ऑक्सीजन प्लांट लगने के बाद अस्पताल परिसर में पाइपलाइन के माध्यम से सप्लाई दिया जाएगा। प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू होने के बाद इमरजेंसी के मरीजों को सहूलियत होगी। 100 से 200 मरीजों को एक साथ निर्बाध तरीके से ऑक्सीजन मिल सकेगा।

पीएसए प्लांंट में हवा से ऑक्सीजन निकाल कर की जाती है सप्लाई​​​​​​​

उन्होंने बताया कि पीएसए (प्रेशर स्विंग एब्‍सार्पशन) प्लांट में हवा से ही आक्सीजन बनाने की अनूठी तकनीक होती है। इसमें एक चैंबर में कुछ सोखने वाले रासायनिक तत्व डालकर उसमें हवा को गुजारा जाता है। इसके बाद हवा का नाइट्रोजन सोखने वाले तत्वों से चिपककर अलग हो जाता है और आक्सीजन बाहर निकल जाती है। इस आक्सीजन की ही अस्पतालों को आपूर्ति की जाती है। इसके लिए दबाव काफी उच्च रखना होता है। सोखने वाले तत्वों के रूप में जियोलाइट, एक्टीवेटेड कार्बन और मालीक्यूलर का इस्तेमाल होता है।

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