डीडीसी वैभव श्रीवास्तव ने शनिवार को आईसीडीएस की समीक्षा के दौरान डीपीओ और सीडीपीओ से जवाबतलब किया है। उन्होंने आईसीडीएस द्वारा जिले में संचालित सारी गतिविधियों की एक एक कर समीक्षा की। राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के तहत नियोजन के स्थिति की भी डीडीसी ने समीक्षा की। डीडीसी ने प्रखंड परियोजना सहायक, जिला परियोजना सहायक तथा जिला परियोजना समन्वयक के पद पर हुए नियोजन का भी अपडेट लिया। इस दौरान सम्बंधित को आवश्यक निर्देश भी दिए । समीक्षा के क्रम में ही पता चला कि जिले के कुल तीन प्रखंडों में परियोजना सहायकों द्वारा योगदान नहीं दिया गया है । ऐसी स्थिति में डीडीसी द्वारा प्रतीक्षा सूची से वरीयता प्राप्त अभ्यर्थियों को अविलंब नियोजित करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने हिदायत दी कि इस कार्य में अनावश्यक देर नही करें। जिला परियोजना समन्वयक के नियोजन पर अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकने तथा रिक्त प्रखंड परियोजना सहायक एवं समन्वयक का भी नियोजन नहीं हो सकने के कारण डीडीसी ने आईसीडीएस डीपीओ से स्पष्टीकरण मांगा है। डीडीसी ने कार्यालय प्रकोष्ठ में आईसीडीएस की बैठक के दौरान सेविका व सहायिका की मृत्यु के बाद मिलने वाली अनुग्रह अनुदान के तीन लंबित मामलों पर भी फटकार लगाई । लंबित आवेदनों में सबसे ज्यादा लंबित आवेदन बिंद परियोजना का होने के कारण बिंद सीडीपीओ से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। डीडीसी ने लंबित अनुदान के लिए आवंटन मांगने का निर्देश दिया। सीडब्लूजेसी के मामलों का तेजी से निष्पादन के आदेश भी दिए गए। बैठक में परवरिश योजना के तहत जिला एड्स कंट्रोल सोसाइटी एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त आवेदनों के त्वरित निष्पादन के भी आदेश दिए गए। परियोजना स्तर पर प्राप्त सभी आवेदन अगली बैठक तक स्वीकृति के लिए अनुमंडल भेजने का निर्देश भी दिया गया।
मातृ वंदन योजना में लापरवाही पर शोकॉज
डीडीसी ने मातृ वंदन योजना की भी प्रखंडवार समीक्षा की। मातृ वंदन योजना का तीसरा क़िस्त सबसे ज्यादा बिंद परियोजना में लंबित पाया गया। ज्यादा मामले लम्बित रहने के कारण संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को फटकार लगाई गई। इसी योजना में लंबित मामलों की जानकारी नहीं रहने के कारण सरमेरा सीडीपीओ से भी स्पष्टीकरण पूछा गया। साथ ही कन्या उत्थान योजना की समीक्षा के क्रम में जन्म प्रमाण पत्र तथा आधार नहीं रहने के कारण जो समस्या आ रही है उसे सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी से समन्वय कर ठीक कराने का निर्देश दिया गया। डीडीसी ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे परियोजना सहायक,समन्वयक से कराए जाने वाले फील्ड विजिट का डायरी व एक्टिविटी रजिस्टर संधारित करवायें तथा एपिकॉलेक्ट एप पर भी आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करवाएं। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को इसका मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया।
सेविका से पूछा स्पष्टीकरण और अर्थदंड
एपिकॉलेक्ट एप के द्वारा की जानेवाली मॉनिटरिंग के तहत 622 केंद्रों के संचालन में पाई गई अनियमितता पर डीडीसी ने असंतोष व्यक्त किया । बताया गया कि 346 केंद्रों में सेविका से स्पष्टीकरण तथा 140 सेविकाओं से अर्थदंड की वसूली के आदेश दिए गए है। एप पर अपलोड किए जाने वाले फोटो को चेक कर केंद्र की आधारभूत संरचनाओं को ठीक करने के निर्देश भी सभी परियोजना पदाधिकारी को दिया गया। उप विकास आयुक्त ने आदेश दिया की प्रत्येक माह सभी परियोजनाओं के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण एपिकलेक्ट एप पर शत-प्रतिशत करना सुनिश्चित करें।
130 आंगनबाड़ी भवनों के लिए होगा स्थल चयन
आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण की समीक्षा के क्रम में निदेश दिया गया कि सभी अपूर्ण भवन तथा मरम्मत वाली भवनों की सूची तैयार करें। मनरेगा तथा आईसीडीएस के समन्वय से बनने वाले नए आंगनबाड़ी भवनों में सीडीपीओ को खुद उपस्थित रहकर बाल मित्र पेंटिंग कराने तथा एक्टिविटी के सामग्री की उपलब्धता भी सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए गए।साथ ही 130 अन्य नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए स्थल चयन करने के निर्देश भी दिए गए। डीडीसी ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।
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