नए सीएस कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल जानने सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने ओपीडी, इमरजेंसी, महिला ओपीडी सहित अन्य विभागों का निरीक्षण किया । उन्होंने मरीजों के दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान कई तरह की खामियां मिली। लेकिन शुरूआती दौर में सिर्फ सुधार की चेतावनी देकर छोड़ दिया। सबसे बड़ी बात है कि सदर अस्पताल में प्रति दिन 250-300 मरीजों का इलाज होता है लेकिन बीमारी से संबंधित किसी डॉक्टर के पास रिकार्ड नहीं है। सीएस डॉ. अविनाश कुमार ने जब डॉक्टर से बीमारी संबंधित रिकार्ड मांगा तो हाथ खड़े कर दिए। सीएस ने कहा कि आगे से सिर्फ इलाज नहीं करें बल्की बीमारी का भी रिपोर्ट दर्ज करें ताकि इसकी जानकारी विभाग को मिल सके। चिकित्सकों व कर्मियों की उपस्थिति पर चेतावनी देते हुए कहा कि जिला से अक्सर समय पर डॉक्टरों व कर्मियों की उपस्थिति नहीं होने की बात सामने आ रही है। इसलिए अपनी आदत को सुधार लें। समय पर ओपीडी का संचालन एवं इमरजेंसी में हर समय डॉक्टर की उपस्थिति बनी रहे, इस बात का ख्याल रखें। इस मौके पर हेल्थ मैनेज हेमंत कुमार, सुरजीत कुमार आदि उपस्थित थे।
बीमारी का रखें रिकार्ड
सीएस ने कहा कि मरीज का इलाज करने के साथ-साथ बीमारी का रिकार्ड भी दर्ज करें। सिर्फ मरीज का नाम, पता लिखने से काम नहीं चलेगा। जब तक बीमारी का रिकार्ड नहीं रहेगा तब तक पता नहीं चलेगा कि किस मौसम में किस बीमारी का मरीज ज्यादा आ रहे हैं। बीमारी के आधार पर ही सरकार प्लान तैयार करती है। इसके अलावे जिला में भी पहले से तैयारी करने में सुविधा होगी।
अनावश्यक प्रवेश पर बिफरे सीएस
निरीक्षण के क्रम में सीएस प्रसव कक्ष के बाहर गार्ड एवं अन्य महिला को देख बिफर पड़े तथा स्वास्थ्य कर्मियों को तत्काल बाहर करने का आदेश दिया। प्रसव कक्ष में अनावश्यक रूप से अन्य व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि रोगियों के इलाज व उनकी सेवा के लिए आते हैं। इसे अपना कर्तव्य समझकर इसका सही से निर्वहन करें।
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