कल्याण बिगहा स्थित इंडोर शूटिंग रेंज में 15 दिवसीय खेल प्रतिभा खोज कार्यक्रम सह ट्रेनिंग कैंप चल रहा है। इसमें राज्य भर से 110 प्रतिभागी शामिल हुए हैं। यहां उन्हें नि:शुल्क आवासीय सुविधाओं के साथ शूटिंग के गुर भी सिखाये जा रहे हैं। इन्हें एक्सपर्ट द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें कई नेशनल खिलाडी भी शामिल हैं। समय समय पर एक्सपर्ट को बुलाया भी जा रहा है। साथ ही समय समय पर अधिकारी भी ट्रेनिंग कार्यक्रम का जायजा ले रहे हैं। बीएसएफ से नेशनल प्लेयर रहे अशोक कुमार शूटिंग की ट्रेनिंग प्रतिभागियों को दे रहे हैं। वह प्रतिभागियों को शूटिंग से सम्बंधित सभी बारीकियों को बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि शूटिंग किसी भी दूसरे गेम्स से बिल्कुल हटकर है। इसमें सेफ्टी का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। शूटिंग का पहला चरण सेफ्टी रुल्स से ही शुरू होता है। बेसिक सिद्धांतों में खड़े होना, पोजिशन बनाना, ग्रिपिंग का तरीका, किस वेपन को किस तरह से होल्ड करना है, सेंसर द्वारा बॉडी बैलेंस करना ताकि निशाना सही लग सके आदि मुख्य बातें हैं। इन सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
वेपन की होल्डिंग महत्वपूर्ण
शूटिंग के दूसरे चरण में वेपन्स की होल्डिंग प्रमुख है। शाहाबाद राइफल क्लब के रामनारायण शुक्ल प्रशिक्षु निशानेबाजों को इसके बारे ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिस्टल व राइफल का वजन ढाई से चार किग्रा तक का होता है। यह एक तरह से शूटिंग प्रतिभागियों का मसल्स टेस्ट भी है। इसमें प्रतिभागियों के वजन सहने की क्षमता भी देखी जाती है। उन्होंने बताया कि इसकी प्रैक्टिस वेपन्स जैसे भार के ही डंबल से कराई जाती है। इसमें प्रतिभागियों को एक से दो मिनट तक डंबल होल्ड कराया जाता है। उन्होंने बताया तीसरा चरण ऐमिंग प्रैक्टिस, चौथा सेमूलेटर टेस्ट, पांचवां फायरिंग और छठा चरण मैच का आयोजन है। मैच के दौरान शेष पांचों चरणों का परीक्षण हो जाता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान इन सभी बातों का ही अभ्यास कराया जाता है। ताकि प्रतियोगिता के दौरान बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
दी जा रही है बेसिक जानकारी
इंटरनेशनल सेलेक्शन ट्रायल के प्रतिभागी ओमप्रकाश पुष्कर और रंजन कुमार कैंप के सभी प्रतिभागियों को शूटिंग की सैद्धांतिक जानकारी दे रहे हैं। इन्हें शूटिंग प्रतियोगिताओं के कायदे कानून बहु बताये जा रहे हैं। ट्रेनर कौशल नौगरैया ने बताया कि सभी प्रतिभागियों को शूटिंग की बेसिक जानकारी दी जाती है। इसमें राइफल और पिस्टल से शूटिंग की बारीकियां भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रतिभागी अपनी रुचि के अनुसार राइफल अथवा पिस्टल से शूटिंग करते हैं। रायफल या पिस्टल किससे शूटिंग करना है यह प्रतिभागी पर निर्भर करता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मीरा कुमारी, लक्ष्मीशंकर उज्जैन और निलेश कुमार भी प्रतिभागियों को शूटिंग की विद्या सीखने में मदद करते हैं। प्रतिभागियों को नेशनल और इंटरनेशनल प्रतोयोगिताओं के बारे में भी बताया जा रहा है।
साई के कोच भी देंगे जानकारी : ट्रेनर ने बताया कि नेवी से रिटायर व वर्तमान में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोच दीपक दूबे के भी कैंप में आने की संभावना है। वे भी प्रतिभागियों के बीच अपने अनुभव बाटेंगे और उन्हें खेल की बारीकियां सिखायेंगे। उनके अनुभवों का भी प्रतिभागियों को लाभ मिलेगा। बीएसएफ के अशोक कुमार ने बताया कि कैंप के अंत में बेहतर खिलाड़ियों का चुनाव होगा। इसके पहले बिहार राइफल एसोसिएशन के सहायक सचिव मृत्युंजय सिंह भी रेंज पहुंचे। उन्होंने प्रतिभागियों से मिलकर व्यवस्था की जानकारी ली। कैंप में तैयारियों से संतुष्ट भी दिखे। उन्होंने कहा कि कैम्प में शामिल प्रतिभागियों को यहां दी गई ट्रेनिंग का प्रतियोगिताओं में काफी लाभ मिलेगा। बड़ी प्रतियोगिताओं में यहां मिली जानकारी काम आएगी। प्रतिभागियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
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