हॉर्टिकल्चर कॉलेज के सभागार में कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की वित्तपोषित परियोजना सबौर एग्री इंक्यूबेटर्स (सबएग्रीस) विषय पर चल रहा दो दिवसीय कार्यशाला शनिवार को संम्पन्न हो गया। कार्यशाला के दूसरे दिन सूबे के चयनित पांच स्टार्ट अप पटना के अभिनव दास, गया के पीयूष राज, पटना के मनीष कुमार, अखिलेश कुमार व अतुल कुमार ने कृषि मोबाइल एप्लीकेशन, मशरूम, नीरा से गुड़ उत्पादन, बम्बू व वायो गैस का प्रस्तुतिकरण देकर महाविद्यालय के अध्ययनरत छात्रों का मार्गदर्शन किया। साथ ही स्टार्ट अप करने के लिए छात्रों को प्रेरित किया।
आठ लीटर नीरा से 1 किलो गुड़ का उत्पादन
स्टार्ट अप मनीष कुमार ने बताया कि ताड़ व खजूर के ताड़ी से उपलब्ध नीरा से गुड़ का उत्पादन कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। ताड़ के दस लीटर ताड़ी से उपलब्ध नीरा से एक किलोग्राम और खजूर के आठ लीटर ताड़ी से उपलब्ध नीरा से एक किलोग्राम गुड़ का उत्पादन होता है। नीरा से निर्मित गुड़ 450 से 500 रुपये प्रति किलो बाजार भाव मिलता है। जिसमें 250 से 300 रुपये की बचत होती है। कार्यशाला के दूसरे दिन एग्री बिजनेस पटना के प्रिंसिपल डा. एमके वाधवानी ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए सकारात्मक वातावरण का सृजन राज्य के युवाओं को जॉब प्रोवाइडर बनाना और परंपरागत खेती को बाजारोन्मुखी बनाना है।
कृषि व्यापार को बढ़ावा
प्राचार्य डा. पीके सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर की सहायता से कृषि तथा संबंधित क्षेत्रों में नवोन्मेष तथा कौशल निर्माण आदि कार्य किये जायेंगे। कार्यक्रम समन्यवयक डा. विनोद कुमार ने बताया कि कार्यशाला के अंतर्गत जैविक खेती, सूचना व प्रसारण तकनीकी, कृषि आपूर्ति श्रृंखला, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि स्वास्थ्य सेवा, कचड़ा से आय सृजन, पशुपालन व दुग्ध उत्पादन, कृषि यंत्र व यांत्रिकरण, कृषि प्रसार सेवा व अन्य संबंधित क्षेत्रों में व्यवसाय प्रस्ताव स्वीकार्य है। इस मौके पर सीओपीआई सबएग्रीस के डा. एसएम रहमान, कार्यक्रम समन्यवयक डा. विनोद कुमार, सह समन्यवयक शशिकांत, रिया विश्वास, नयन प्रिया, विजया लक्ष्मी, भावना भूषण, सुप्रिया, नागमणि यादव, सुशील कुमार, शिवम कुमार, कुंज बिहारी, राजू कुमार आदि उपस्थित थे।
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