गोमो-स्टेशन के निकट रविवार की रात डयूटी के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से मौत के शिकार हुए आरपीएफ के हेड कांस्टेबल जितेंद्र कुमार का शव मंगलवार को अहले सुबह उनका पैतृक गांव सलैया पहुचा। आरपीएफ के जवानों द्वारा हेड कांस्टेबल का शव को एक बख्तर बंद वाहन में तिरंगा में लिपटा लाया गया। शव के साथ आए जवानों की आंखें नम थी तथा गला से रुंधा आवाज निकल रहे थे।आरपीएफ के जवानों द्वारा वंदे मातरम् तथा जय हिन्द, भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा, जितेन्द्र तेरा नाम रहेगा आदि आदि नारों से पूरा आसमान गुंजायमान हो रहा था। शव को कांस्टेबल के पैतृक आवास पर रखकर जवानों द्वारा सैल्यूट देकर सलामी दी गई। शव पहुंचते ही परिजनों की करुण क्रंदन से गांव में कोहराम मच गया तथा पूरा माहौल गमगीन हो गया। मृतक की पत्नी संगीता देवी, दोनों पुत्र सोनल एवं मोनल का रो-रोकर बुरा हाल था। दुर्घटना में मौत के शिकार हुए कांस्टेबल का अंतिम संस्कार बाढ़ स्थित उमानाथ घाट पर किया गया।
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