प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की समीक्षा में कहा गया कि इसके तहत नवादा जिले काे प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसके लिए डीपीओ और सभी सीडीपीओ को जिलाधिकारी ने शाबाशी दी गई और कहा कि यही रैंक बनाए रखना है। जिले में हिसुआ बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा बेहतर कार्य किया गया है। जिला में हिसुआ को प्रथम रैंक प्राप्त हुआ है।
जिलाधिकारी ने सीडीपीओ हिसुआ को शाबाशी दी। बता दें कि जिले में हिसुआ प्रखंड में 64, काशीचक में 54 और गोविंदपुर में 50 प्रतिशत कार्य हुआ है। वहीं नरहट का मात्र 20 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की समीक्षा में उन्होंने कहा कि केंद्र में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाना सुनिश्चित करें। अनुसूचित टोला को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया। जिले के तीन सीडीपीओ दो-दो प्रखंडों के प्रभार में हैं, उन्हें निर्देश दिया गया कि 3-3 दिन दोनों प्रखंड में कार्य करना सुनिश्चित करें। सीडीपीओ कार्यालय के बाहर सूचना अंकित करे कि किस-किस दिन प्रखंड में रहना है। आम जनता से भी मिलने के लिए समय निर्धारित करने का निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार के लिए एसएससी से चावल दिया जाता है, जिसको जिलाधिकारी ने ससमय गुणवत्ता युक्त चावल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की सभी महिलाओं को बनाएं साक्षर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की भी समीक्षा की गई।
डीएम ने लिंगानुपात पर चर्चा करते हुए कहा कि पकरीबरावां में लिंगानुपात 767 पर क्यों है, जबकि जिला स्तर पर 919 है। इसमें सुधार लाने को आवश्यक निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि 18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को जिला में पूर्ण साक्षर किया जाना है। 15 अगस्त के पहले प्रत्येक प्रखंड से एक-एक गांव का चयन करें और गांव में रहने वाली सभी महिलाओं को साक्षर करना सुनिश्चित करें। पूर्ण साक्षरता के लिए सही महिलाओं को प्रेरित करने का निर्देश दिया गया। उप विकास आयुक्त और डीपीओ को निर्देश दिया गया कि सप्ताह में साप्ताहिक बाल संरक्षण केंद्र का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। छोटे-छोटे बच्चों से प्यार से बात करें और उनकी शिकायतों को सुनें।
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