पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
बिहार पुलिस के एक आदेश से बवाल मचा है। अब सरकार, सरकारी कर्मचारी, मंत्री, सांसद और विधायक के संबध में कोई भी सोशल मीडिया या इंटरनेट पर अभद्र टिप्पणी करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। कानून नया नहीं है, लेकिन पुलिस मुख्यालय के आदेश ने इसे VIP बना दिया है। सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी पहले से ही साइबर अपराध के दायरे में आती है लेकिन पुलिस मुख्यालय का विशेष लोगों के लिए इसे केंद्रित किया जाना VIP कल्चर को बढ़ावा देने वाला है। इस आदेश के बाद अब लोगों की प्रतिक्रिया भी आने लगी है। भास्कर ने पटना के कुछ प्रबुद्ध लोगों से बात की। हर कोई अब कानून को VIP बनाने की बात कह रहा है।
कानून में क्यों किया जा रहा है आम और खास
स्टूडेंट्स ऑक्सीजन मूवमेंट के कन्वेनर बिनोद सिंह ने पुलिस मुख्यालय के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कानून से आदमी में फर्क किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। कानून तो सभी के लिए है, अपराध VIP व्यक्ति करे या आम आदमी दंड तो सभी के लिए बराबर का ही होना चाहिए। गरीब और आम इंसान पर अभद्र टिप्पणी करने वाला बच जाए और VIP के साथ ऐसा हो तो पुलिस के लिए बड़ी बात हो जाए। यह दिवालियापन जैसा आदेश है जो कानून को स्पेशल बनाकर जनता का विश्वास पुलिस के प्रति कम करने का काम कर रहा है।
ऐसा आदेश तो समाज में पैदा करेगा भेद
पटना के प्रमुख दंत रोग चिकित्सक डॉ. आशुतोष त्रिवेदी का कहना है कि सरकार तो जनता की है और VIP भी जनता ही है। ऐसा आदेश जारी कर समाज में भेद पैदा करने का काम किया जा रहा है। कानून जो जनता के लिए हो वही VIP के लिए भी हो। जनता को अधिकार है बोलने का, बस भाषा मर्यादित होनी चाहिए, लेकिन कोई भी राजनेता किस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई करा दे इसका क्या भरोसा। ऐसे आदेश में यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आम जनता को लेकर पुलिस क्या करेगी। ऐसे आदेश से आम लोग ही प्रभावित होंगे, इसलिए इस तरह का भेद पैदा करने वाला आदेश नहीं जारी करना चाहिए।
ऐसे तो आम जनता का कम होगा विश्वास
शहर के प्रमुख आर्थो सर्जन डॉ. अमूल्य सिंह का कहना है कि ऐसे आदेश से तो आम जनता का विश्वास ही कम हो जाएगा। हर किसी को यही लगेगा कि कानून सिर्फ VIP लोगों पर ही प्रभावी है। प्रभावशाली लोग तो अपने प्रभाव से ऐसे मामलों में कार्रवाई करा लेते हैं, परेशान तो जनता होती है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय का पत्र सवाल खड़ा करता है। अगर ऐसा होगा तो समाज दूरी बनाना शुरू कर देगा और किसी भी गलत काम पर अपना पक्ष नहीं रखेगा। गलती तो बड़े और VIP भी करते हैं लेकिन कानून के चक्कर में पिसता तो आम आदमी है।
व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बनाया गया कानून
पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणि भूषण सेंगर का कहना है कि ऐसा आदेश जारी कर संबंधित लोगों को राष्ट्रपति और राज्यपाल को मिलने वाली विशेषाधिकार (प्रीबलेस) की श्रेणी में ला दिया गया। आदेश व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि सबके लिए आना चाहिए। आदेश के अनुसार प्रतिष्ठित लोगों पर अभद्र टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई तत्काल हो जाएगी लेकिन आम आदमी तो व्यक्ति विशेष पर कार्रवाई कराने के लिए भटकता ही रह जाएगा। ऐसे में सिर्फ व्यक्ति विशेष के लिए आदेश जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कहीं न कहीं आम लोगों में भेद पैदा करना और कानून का अपने स्तर से बदलाव करने जैसा है।
पॉजिटिव- आप प्रत्येक कार्य को उचित तथा सुचारु रूप से करने में सक्षम रहेंगे। सिर्फ कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा अवश्य बना लें। आपके इन गुणों की वजह से आज आपको कोई विशेष उपलब्धि भी हासिल होगी।...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.