बिहार के सभी बैंकों में गुरुवार यानी 16 दिसंबर से अगले चार दिनों तक कामकाज प्रभावित रहेगा। क्योंकि सभी बैंककर्मी मांगों को लेकर 16 व 17 दिसंबर यानी दो दिन हड़ताल पर रहेंगे। ऐसे में अगर बैंक का कोई काम हो तो बुधवार 15 दिसंबर तक निपटा लें। विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मियों ने दो दिनों की हड़ताल की घोषणा कर रखी है।
बैंकों की यह हड़ताल 16 दिसंबर को शुरू होगी और 17 अक्टूबर तक चलेगी। इसमें बैंककर्मी हड़ताल पर होंगे। 18 दिसंबर को शनिवार है। 19 को रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में 16 से 19 दिसंबर तक बैंकों में कोई कामकाज नहीं होगा। हड़ताल की वजह से राज्य में 5 हजार से ज्यादा बैंक शाखाओं का शटर डाउन रहेगा।
20 दिसंबर से बहाल हो जाएगी सेवा
बैंकिंग सेवाएं फिर से 20 दिसंबर से बहाल होंगे। बैंककर्मियों की यह हड़ताल केंद्र सरकार की उस तैयारी के खिलाफ है जिसमें सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण को लेकर एक विधेयक लाया जा रहा है। बैंक संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 संसद में पारित कराना चाहती है, यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने का रास्ता है।
जानिए क्यों बढ़ रहा है बैंकों में आक्रोश
बिहार पूर्वांचल बैंक इंप्लाई एसोसिएशन के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी संजय तिवारी का कहना है कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने के लिए बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 संसद के वर्तमान सत्र में पारित कराना चाहती है, जिससे निजीकरण का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा। दूसरी और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन से जुड़े संगठनों के अधिकारी और कर्मचारी सरकार के निर्णय के खिलाफ हैं। इस बात के लिए पूरी तरह लामबंद है कि राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण किसी भी सूरत में नहीं करने दिया जाए।
सरकार की नीति के खिलाफ आंदोलन
बिहार स्टेट इलाहाबाद स्टाफ एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी उत्पलकांत का कहना है कि निजी करण के खिलाफ राष्ट्रीयकृत बैंक में बड़ा आक्रोश है। सरकार की नीति के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने 3 दिसंबर से आंदोलन की शुरुआत कर दी है तथा 16 और 17 दिसंबर को दो दिवस की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। आंदोलन के कार्यक्रम के तहत 16 और 17 दिसंबर को सभी बैंकों के प्रशासनिक ऑफिस के सामने विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
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