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नए कृषि बिलों को लेकर परेशानी में फंसी केन्द्र सरकार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ मिला है। मुख्यमंत्री ने आज पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा - किसानों और सरकार के बीच कृषि बिलों को लेकर तकरार इसलिए है, क्योंकि बातचीत नहीं हो पा रही है। केन्द्र सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि हमलोग किसानों से बातचीत करना चाहते हैं। उनको बताना चाहते है कि फसलों के प्रोक्योरमेंट में किसी तरह की कठिनाई नहीं आनेवाली है।
नीतीश ने कहा, 'आप तो जान रहे हैं, हमलोगों ने तो बिहार में 2006 में ही इसे (APMC को) खत्म कर दिया था। उसी समय से हमलोग बिहार में पैक्स के माध्यम से प्रोक्योरमेंट कर रहे हैं। जरूरत ये है कि लोगों के बीच बातचीत हो जाए। जब बातचीत हो जाएगी, तो सही मायने में किसानों को यह जानकारी मिल जाएगी कि उनके फसल के प्रोक्योरमेंट में कोई बाधा नहीं आनेवाली है। प्रोक्योरमेंट होगा और जो केन्द्र के द्वारा निर्धारित किया जाता है, वो उनको मिलेगा।
नीतीश का बयान केन्द्र के लिए है राहत
कृषि बिल पर किसानों से लेकर विपक्ष तक के निशाने पर आई केन्द्र सरकार के लिए नीतीश कुमार का यह बयान राहत भरा है। इस बिल के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली सीमा तक पहुंच चुका है। केन्द्र सरकार की तरफ से बातचीत के प्रस्ताव को किसान आंदोलनकारियों ने ठुकरा दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार के कई मंत्री अपने बयान जारी कर किसानों को समझाने की कोशिशों में जुटे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार का केन्द्र सरकार के साथ खड़ा होना, उनके पक्ष को मजबूत करता है।
क्या कहा है केन्द्रीय मंत्रियों ने
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कृषि बिल पर सरकार की तरफ से सफाई रखी है। सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून में मंडियां खत्म नहीं हो रही हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा, वो फसल खरीद पाएगा, चाहे वो मंडी में हो या बाहर। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी किसानों को समझाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, 'कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचा। न्यूनतम समर्थन मूल्य भी जीवित है और मंडी भी। सरकारी खरीद भी हो रही है।
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