7 दिसंबर की रात बिहार एसटीएफ ने शादी के मंडप से पटना के जिस कुख्यात अपराधी रवि गोप को गिरफ्तार किया था, उसे महज 24 घंटे में कोर्ट से जमानत मिल गई और 48 घंटे के अंदर वह जेल से बाहर भी निकल गया। चौंकाने वाली बात यह है कि जेल से बाहर निकलते ही रवि गोप पटना से फरार हो गया है। हैरत की बात यह भी है कि रवि गोप को जमानत रंगदारी मांगने के मामले में मिली, जबकि दानापुर थाने में दर्ज एक युवक को किडनैप कर उसकी हत्या के केस में अब भी वह वांटेड है। जैसे ही यह बात सामने आई, पटना पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने अपना सिर पीट लिया।
इस मामले ने पटना पुलिस की सुस्त चाल को सामने ला दिया है। पटना रेंज के आईजी संजय सिंह भी इस पूरे मामले पर गंभीर हैं। उन्होंने पटना के सिटी एसपी वेस्ट अशोक मिश्रा से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ एक बार फिर से पुलिस और अपराधियों के बीच सांठगांठ की बात होने लगी है।
दूल्हा बनते-बनते रह गया कुख्यात रवि गोप
सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक एसटीएफ ने गिरफ्तार कर रवि गोप को पटना पुलिस के हवाले कर दिया था। उस वक्त कहा गया था कि दीघा थाना के केस में रवि गोप वांटेड था और उसे जेल भेज दिया गया है, लेकिन अंदर की बात यह सामने आ रही है कि उस वक्त दीघा नहीं बल्कि दानापुर के एक मामले में उसे जेल भेजा गया।
8 दिसंबर को दानापुर के एसडीजेएम कोर्ट में रवि गोप के लोगों ने जमानत के लिए अपील की, साथ में जिससे रंगदारी मांगी गई थी उसकी तरफ से भी कॉम्प्रोमाइज लेटर लगा दिया गया। इस पर कोर्ट ने उसी दिन जमानत भी दे दी। 9 दिसंबर को कोर्ट का रिलीज ऑर्डर लेकर रवि गोप के लोग फुलवारीशरीफ जेल पहुंच गए। जेल प्रशासन ने उसे छोड़ भी दिया। जबकि दानापुर के नासरीगंज में हुई किडनैपिंग व हत्या के मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। इसी मामले में फरार रहने के कारण पुलिस ने उसके घर की संपत्ति की कुर्की भी की थी।
अब आरोप पटना पुलिस पर लग रहा है कि उनकी टीम की सुस्त चाल का रवि गोप और उसके लोगों ने फायदा उठाया। इस पर सीनियर एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा का दावा है कि किडनैप कर हत्या केस का आईओ छुट्टी पर था, इसके बाद भी उसका प्रोडक्शन वारंट जेल प्रशासन को भेज दिया गया था। फिर भी उसे जेल से रिलीज कर दिया गया।
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