वन और हरित आच्छादन को बढ़ाने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा योजना के तहत 2 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य ग्रामीण विकास विभाग ने रखा है। इसकी तैयारी विभाग ने जोर-शोर से शुरू कर दी है। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि बढ़ते पर्यावरणीय प्रदूषण और जलवायु परिवर्त्तन को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।
निजी भूमि पर ऐसे किया जाएगा पौधरोपण
निजी भूमि पर पौधरोपण की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि निजी भूमि पर काष्ठ अथवा फलदार दोनों पौधे लगाए जा सकते हैं। फलदार पौधों में आम, लीची, जामुन, कटहल, आंवला, बेल, नींबू, अमरूद आदि का चयन स्थल विशेष की जलवायु और मिट्टी के आधार पर किया जा सकता है। निजी भूमि पर लगाये जाने वाले वृक्षों से प्राप्त लकड़ी और फल पर भूमि मालिक का ही हक होगा। एक परिवार के पास 200 पौधों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने पर 2 से 3 परिवारों को 1 इकाई यानी 200 पौधे लगाये जाने का प्रावधान मनरेगा योजना में किया गया है, ताकि छोटे किसानों को भी इसका लाभ मिल सके।
सिंचाई और पटवन की भी मिलेगी सुविधा
निजी भूमि पर लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए गेबियन के साथ ही सिंचाई के लिए चापाकल अथवा ट्राली से पटवन की सुविधा भी प्रदान की जाती है। निजी भूमि के मामले में यदि दो इकाई के क्लस्टर 200 मीटर की दूरी के अन्दर उपलब्ध हो तो उन दो इकाईयों के लिए एक चापाकल का प्रावधान किया जा सकता है। निजी भूमि पर क्लस्टर की अनुपलब्धता की स्थिति में एक इकाई पर भी एक चापाकल का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त पौधों की देखभाल के लिए वनपोषकों की मजदूरी भुगतान का प्रावधान है। लाभुक/लाभुकों को निजी भूमि पर लगाये गये एक इकाई पौधों की देख-रेख के लिए पौधरोपण वर्ष से अगले पांच वर्ष तक प्रतिमाह 8 मानव दिवस की मजदूरी मनरेगा योजना से दी जाती है।
2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि मनरेगा के तहत सामाजिक वानिकी योजना अन्तर्गंत राज्य के सभी 38 जिलों के सभी ग्राम पंचायतों में सघन पौधरोपण अभियान चलाकर इस वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 1 करोड़ 50 लाख काष्ठ पौधे और 50 लाख फलदार पौधे शामिल हैं। इस योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग की सड़को के किनारे पौधरोपण, जल सरंक्षण- संचयन संरचनाओं के किनारे पौधरोपण और निजी भूमि पर पौधरोपण पर फोकस किया जाएगा। विगत वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत 1 करोड़ 20 लाख पौधे लगाए गए थे।
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