स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत आज PMCH पहुंचे हैं। PMCH ने रविवार को जिंदा व्यक्ति को मृत बताते हुए डेथ सर्टिफिकेट बनाया था और उसके परिजनों को दूसरे मृतक की डेड बॉडी सौंप दी थी। प्रधान सचिव इसी मामले की जांच करने आए थे। हालांकि आधिकारिक तौर पर न उन्होंने ऐसा कुछ कहा और न ही PMCH प्रशासन ने कुछ बताया है। प्रत्यय अमृत PMCH में सबसे पहले डॉक्टरों के स्पेशल कोरोना वार्ड में गए, फिर जनरल कोरोना वार्ड के कोविड कंट्रोल रूम गए। इसके बॉद संक्रमितों के परिजनों से बात कर व्यवस्था के बारे में पूछताछ की।
जिस वार्ड में भर्ती है चुन्नू, उसका भी प्रधान सचिव ने किया निरीक्षण
प्रधान सचिव रविवार वाले मामले की जांच करने पटना मेडिकल काॅलेज आए थे। उन्होंने CCTV कैमरा के साथ रजिस्टर की भी जांच की। कोविड वार्ड में बेड की संख्या देखा है। जिस चुन्नू कुमार के मामले में PMCH ने लापरवाही की है, उस वार्ड का भी निरीक्षण किया। PMCH ने इस घटना को लेकर HOD एनस्थीसिया, HOD मेडिसिन और HOD पेडियाटिक्स को शामिल कर 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस टीम को 3 दिन में रिपोर्ट देनी है।
PMCH ने प्रमाण पत्र गलत दिया और डेड बॉडी दूसरे की दे दी
PMCH ने रविवार को कोविड से 40 साल के एक शख्स की मौत का प्रमाण पत्र दिया और फिर पैक कर उसकी डेड बॉडी भी परिजनों को सौंप दी, जबकि वह आदमी इसी अस्पताल में जिंदा था। उसकी स्थिति में सुधार भी था। यह पता इसलिए चल गया क्योंकि कोविड पॉजिटिव के बावजूद परिजनों ने अंत्येष्टि से पहले कफन हटाकर मृतक का चेहरा देख लिया। अंत्येष्टि से पहले दूसरे की डेड बॉडी देख परिजन वापस PMCH पहुंचे और अंदर जाकर पड़ताल की तो अपने मरीज को जिंदा पाया। भास्कर की खबर के बाद PMCH ने शाम तक इस बड़ी गलती के लिए 'छोटे प्यादे' को सजा देते हुए संविदाकर्मी हेल्थ मैनेजर को हटा दिया।
चुन्नू काे जीते जी मारकर खुद मर गया सिस्टम
PMCH का देश में बड़ा नाम है। इस संस्थान के साथ CM नीतीश कुमार की भी यादें जुड़ी हैं। यही कारण है कि नीतीश कुमार इस अस्पताल को वर्ल्ड क्लास का बनाने का सपना संजोए बैठे हैं। लेकिन यहां की व्यवस्था आए दिन साख पर दाग लगाती है। कोरोना काल में रविवार को जो घटना हुई, उसमें कोरोना संक्रमित चुन्नू काे जीते जी मारकर सिस्टम खुद मर गया है। PMCH के इतिहास में यह घटना बड़ा दाग बन गई है। बिहार के लाखों मरीज जो PMCH पर आंख बंद कर भरोसा करते हैं उनके लिए यह लापरवाही उनके लिए बड़ी चोट होगी।
इस मामले में भास्कर ने सामने लाई पांच गलतियां
भास्कर ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि PMCH ने एक नहीं पांच-पांच गलतियां की है, जिससे जिंदा मरीज के नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो गया। इसमें रजिस्ट्रेशन से लेकर डेड बॉडी निकलने तक कई स्टेप में होने वाली गलतियां शामिल हैं। इसके बाद भी PMCH प्रशासन अपनी साख बचाने के चक्कर में गलती पर गलती करता गया।
PMCH ने एक नहीं 5 गलतियां की, जिससे जिंदा आदमी का जारी हो गया मृत्यु प्रमाण-पत्र
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