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भारत-चीन सीमा में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में मंगलवार शाम को सारण जिले के जवान सुनील कुमार के शहीद होने की खबर आई थी। आर्मी की तरफ से ही परिवार और पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी गई। खबर मिलते ही दीघरा परसा गांव में उनके परिवार के लोग मातम में डूब गए। बुधवार सुबह सुनील ने खुद फोन करके पत्नी मेनका से बात की और कहा- मैं ठीक हूं, चिंता मत करो।
बुधवार को सुनील का फोन आने के बाद मातम में डूबे परिवार को राहत मिली। सुनील ने फोन पर परिवार वालों से बात की। उन्होंने कहा- ‘मैं सुरक्षित हूं।’ दरअसल, इससे पहले मंगलवार को शाम पांच बजे सुनील कुमार की पत्नी मेनका राय को फोन आया था। फोन करने वाले ने बताया था कि उनके पति शहीद हो गए। उसके बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल था।
मेरी जिंदगी लौटकर आ गई: पत्नी
सुनील की पत्नी मेनका कहती हैं- ‘मेरा सुहाग सुरक्षित है। गलत खबर आई थी। सुनील कुमार नाम के किसी और जवान की शहादत हुई थी। एक जैसा नाम होने के चलते गलतफहमी हुई। मेरे पति ने मुझसे बात की है। उन्हें कुछ नहीं हुआ। मेरी जिंदगी लौटकर आ गई।’ सुनील के सही सलामत होने की खबर मिलने के बाद गांव में छाया मातम खुशी में बदल गया है।
जवान और पिता का एक ही नाम होने से कन्फ्यूजन हुआ
चीनी सैनिकों से लड़ाई में जो जवान शहीद हुए, उनका नाम सुनील राय और पिता का नाम सुखदेव राय है। वहीं, सारण के जवान सुनील राय के पिता का नाम भी सुखदेव राय है। जवान और उसने पिता का नाम एक होने के चलते कन्फ्यूजन हुआ। सुनील के चाचा रविंद्र राय ने कहा कि मंगलवार को 5 बजे सेना के अधिकारी ने सूचना दी थी कि सुनील कुमार नहीं रहे। बुधवार सुबह सुनील से बात हुई।
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