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स्वीटी की तस्वीर दिल दहला देती हैं। सामने से जिसने देखा होगा, उसपर क्या गुजरा होगा- अंदाजा आप लगाएं। यह भी आप तय करें कि कार से टकराने के बाद बंफर में फंसी बच्ची को 900 मीटर से ज्यादा दूरी तक घसीटते ले जाने वाले ड्राइवर को आप क्या कहेंगे? 7 साल की बच्ची की हिम्मत की कहानी भास्कर सामने ला रहा है, आज उस जगह से जहां बुधवार शाम कार से घसीटने की अमानवीय घटना हुई और जहां गुरुवार को लड़की का इलाज चल रहा था।
फतुहा से दनियावां के बीच की सड़क अच्छी है, लेकिन ऐसी भी नहीं कि कोई 100 मीटर भी घिसटे तो बचे। लेकिन, स्वीटी जिंदा है। टक्कर मारने के बाद 900 मीटर से ज्यादा दूर घसीटने वाले ने कसर नहीं छोड़ी, लेकिन स्वीटी की हिम्मत ज्यादा भारी पड़ी। इंजन की गरमी से हाथ जल रहे थे, लेकिन वह लोहे के सहारे को इसलिए नहीं छोड़ रही थी कि छोड़ा तो कार उसको रौंदती हुई पार हो जाएगी। मदद के लिए चीखती रही, लेकिन सरस्वती पूजा के जुलूस में आवाज दब जा रही थी। जिस जगह कार ने उसे टक्कर मारी और वह बंफर में फंसी, वहां सामने पान-मसाला की दुकान चलाने वाले घटना के प्रत्यक्षदर्शी सुरेंद्र सिंह कहते हैं- “बचाने का सोचता तब न रोकता, अपने बचने के लिए कार भगाने लगा ड्राइवर। मानवीयता कहां दिखाया!”
जाम में नहीं फंसता तो कार नहीं रोकता
पटना सिटी की मौर्या कॉलोनी में रहने वाली स्वीटी उर्फ सोमिया उर्फ सोनी की मां सजनी कुमारी ने बताया कि “वह जिद पर ही आ गई थी कल, वैसे नहीं आती है। बुधवार को जब नयका मोड़ पर उतरी तो वह टेम्पो वाले को पैसा दे रही थी और बेटी सामने दुकान से सामान लाने गई थी। इसी बीच फतुहा से दनियावां की ओर जा रही तेज रफ्तार अल्टो कार ने बच्ची को धक्का मार दिया। धक्का लगने से वह गाड़ी के नीचे आ गई और उसका कपड़ा कार के बंफर में फंस गया। हमलोग चिल्लाते रह गए।” इधर, जिस जगह कार रुकी, वहां प्रत्यक्षदर्शी दुकानदार संजय कुमार ने बताया कि जाम था, इसलिए कार वाले को रुकना पड़ा। लोग रोकने के लिए कहने लगे तो वह भागने लगा। रुका तो लोग गाड़ी में फंसी दिख रही लड़की को निकाला और दनियावां PHC पहुंचाया।”
24 घंटे के बाद हुआ CT स्कैन
भास्कर टीम PMCH की इमरजेंसी वार्ड के बेड नंबर 31 पर बच्ची से मिलने पहुंची। चेहरे पर अनगिनत जख्म, माथे में अंदरूनी चोट के साथ वह जिंदगी की जंग लड़ रही थी। दर्द से बोल नहीं पा रही है, लेकिन आंखें इतना जरूर पूछ रही थीं कि अगर अपना बच्चा होता तो ऐसे घसीटते? उसे मौत के मुंह में धकेलने वाले कार चालक को दया नहीं आई? वहां मौजूद लोगों का कहना था कि कार में अगर एक प्लास्टिक भी फंस जाए तो चालक को पता चल जाता है, लेकिन बच्ची को बचाने के लिए ड्राइवर ने कोशिश नहीं की। PMCH में भर्ती बच्ची का 24 घंटे बाद CT स्कैन हुआ। डॉक्टर के अनुसार खतरे की बात नहीं है। CT स्कैन नॉर्मल है। हालांकि पूरे शरीर पर जख्म के कारण बच्ची काफी दर्द झेल रही है। बच्ची की हिम्मत अस्पताल में भी चर्चा का विषय है।
(अमित जायसवाल/ मनीष मिश्रा और अरुण के इनपुट के साथ)
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