देश के दूसरे सबसे लंबे स्टील के पुल का उद्घाटन कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ नीतीश कुमार ने मंगलवार को उद्घाटन कर दिए जिसके बाद अब गाड़ियों की रफ्तार तेज हो गई है। अब जाम मुक्त हाई स्पीड में गाड़ियां महात्मा गांधी सेतु पर दौड़ने लगी हैं, लेकिन अब एक बड़ा खतरा है। पैदल और साइकिल से पुल पार करने वालों के साथ कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। लगभग साढ़े 5 किलो मीटर के पुल पर उद्धाटन के बाद भी फुटपाथ और साइकिल ट्रैक का काम पूरा नहीं किया गया है। जबकि स्टील ब्रिज की यही सबसे बड़ी खासियत और सेफ्टी प्वाइंट होता है।
साइकिल वालों के साथ सबसे अधिक दुर्घटना
महात्मा गांधी सेतु पर अब तक जो भी दुर्घटना हुई है, वह पैदल या फिर साइकिल सवार के साथ हुई है। एक साल में 50 से अधिक घटना सिर्फ साइकिल और पैदल पुल पार करने वालों के साथ होती है, जिसमें कई एक दर्जन से अधिक मौत भी हो जाती है। नया पुल स्टील का बनाया गया है जो देश का दूसरा सबसे बड़ा स्टील पुल है। स्टील पुल की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि इसमें साइकिल व पैदल चलने वालों के लिए अलग से ट्रैक बनाया जाता है। महात्मा गांधी सेतु में भी साइकिल ट्रैक व पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ का प्लान है, लेकिन उद्घाटन से पहले इसे पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अब खतरा साइकिल और पैदल चलने वालों के लिए इस कारण से खतरा बढ़ा है क्योंकि अब पुल पर जाम नहीं होने और दोनों लेन में गाड़ियों की रफ्तार के कारण कभी भी वह चपेट में आ सकते हैं।
गांधी सेतु पर बाधित होगा काम
साइकिल ट्रैक और फुटपाथ का काम पूरा नहीं होने से आवागमन फिर प्रभावित होगा। दोनों तरफ से फुटपाथ और साइकिल ट्रैक के लिए जगह छोड़ गया है। इस पर कुछ काम भर हुआ है, लेकिन उद्घाटन होने के बाद भी इस पर काम पूरा नहीं हो पाया। दोनों तरफ दोनों लेन में 70 प्रतिशत काम अभी पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में काम करने के लिए गांधी सेतु के लेन पूर्वी और पश्चिमी लेन को बारी बारी से बाधित करना पड़ सकता है। पुल पर काम करने पर तकनीकी क्षेत्र से जुड़े कर्मियों का कहना है कि अभी पुल का फुटपाथ और साइकिल ट्रैक बनाने के लिए आम यातायात भी प्रभावित हो सकता है। पैदल और साइकिल ट्रैक बनाने के लिए बेस तो बनाया गया है लेकिन कई जगह अभी पटरी तक भी नहीं बिछाई गई है। ऐसे में बड़ा खतरा है, जो आने वाले दिनों में बड़ी मुश्किल होगी।
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