विवादित बयानों से पहचाने जाने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह लंबे समय बाद फिर बिगड़कर बोले हैं। सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में एक कार्यक्रम के मंच से कहा कि अधिकारी नहीं सुनते हैं तो उन्हें बांस से मारो। केंद्र में मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह अपने ऐसे बयानों से अक्सर ही चर्चा में रहते हैं।
CO की शिकायत मिलने पर भड़के गिरिराज
बेगूसराय के खोदावंदपुर कृषि अनुसंधान केंद्र की कृषि संगोष्ठी में हिस्सा ले रहे गिरिराज सिंह से एक व्यक्ति ने CO की शिकायत की। उस व्यक्ति ने एक छोटे से पन्ने पर अपनी शिकायत लिखकर गिरिराज सिंह को दी। जब गिरिराज मंच से बोलने आए तो अपने भाषण के दौरान ही अधिकारियों को बांस से मारने की सलाह जनता को दे दी। गिरिराज ने कहा - आप मालिक हैं। लोकतंत्र में सांसद, विधायक, एसडीओ, डीडीसी...आपके अधीन हैं। आप अपनी अच्छी बात लेकर जाएं। यह बात गिरिराज को कहने की जरूरत नहीं है। यह आपका अधिकार है। अगर आपके अधिकार का हनन होता है तो गिरिराज आपके साथ खड़ा है। क्योंकि आपने मुझे सांसद बनाया है, आपने किसी को विधायक बनाया है। आपने किसी को जिला पार्षद बनाया है। आपके बल पर कोई मुखिया है। मुखिया, MLA, MP के बल पर आप नहीं, यह ध्यान रखिए। इसलिए मनोबल को ऊंचा रखिए। लोग कहते हैं हमें की करिये देखू न सुनबे नै करै छै...नै सुनै छै त दू हाथ बांस से लेकअ मारू नै। नै सुनै छै...नै सुनै छै शब्द हम नहीं सुनना चाहते हैं।
बयानों के चलते पहचाने जाते हैं गिरिराज
यह पहला मौका नहीं है जब गिरिराज सिंह ने इस तरह का बयान दिया है। इससे पहले भी गिरिराज के कई बयान सुर्खियां बटोर चुके हैं। सबसे ज्यादा विवाद तब खड़ा हुआ था जब गिरिराज सिंह ने कहा था कि 1947 में ही सभी मुस्लिमों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। केंद्रीय मंत्री ने बिहार के पूर्णिया जिले में कहा था, 'हमारे पूर्वजों ने गलती की थी, जिसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है। गिरिराज के इस बयान पर कांग्रेस, राजद सहित विपक्ष के नेताओं ने जबरदस्त विरोध जताया था।
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