ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है क्योंकि उन्होंने कई बार नीतीश कुमार की पार्टी की फंसी नैया पार उतारी है। ऐसे सिपहसालारों में उनकी गिनती होती है, जिस पर नीतीश को बहुत भरोसा है। 2009 में ललन सिंह ने पार्टी छोड़ दी थी लेकिन लौट भी आए।
इन पांच वजहों से ललन सिंह बनाए गए JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष
चिराग ने बिहार में BJP को 21 सीटों के फायदे के साथ 74 पर पहुंचा दिया। JDU 28 सीटों के नुकसान के साथ गिरकर 43 पर जा पहुंची। चिराग पासवान की पार्टी LJP से लड़कर मटिहानी से सिर्फ राजकुमार सिंह ही जीते। इकलौते। उस राजकुमार सिंह को ललन सिंह ने JDU में शामिल करवाया। इसके बाद LJP के दिल्ली वाले गढ़ पर हमला किया और पांच सांसदों को तोड़ लिया। इससे पहले 18 फरवरी को LJP के 18 जिलाध्यक्ष और 5 प्रदेश महासचिवों सहित 208 नेताओं को JDU में शामिल करवाया।
ललन सिंह की सबसे बड़ी खासियत यह कि लालू प्रसाद को जेल पहुंचाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। जल्दी सुनवाई के लिए ललन सिंह सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। हालांकि, उस समय उनकी नीतीश कुमार से नहीं बन रही थी।
कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी की अगुआई में चार MLC को तोड़ने का मामला हो या RJD के पांच MLC को तोड़ने का, ललन सिंह ने चुपचाप राजनीतिक गोटियां सेट कीं।
ललन सिंह को JDU के अंदर के संगठन का खूब ज्ञान है। वे अभी लोकसभा सदस्य हैं, इसके अलावा राज्य सभा सदस्य रह चुके हैं। मुंगेर से जब लोकसभा चुनाव हारे थे तब नीतीश कुमार ने MLC ही नहीं बनाया, बल्कि बिहार सरकार में मंत्री भी बनाया।
बड़ी खूबियों में यह भी कि ललन सिंह जिस जाति से हैं, वह नीतीश कुमार के समीकरण के लिहाज से भी फिट है। बिहार में लालू प्रसाद से संघर्ष के साथ ही ललन सिंह सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से भी एक ठीक दांव हैं। विरोध की राजनीति के लिए वे फिट बैठते हैं और सवर्ण हैं तो वह नीतीश को एक खास जाति को बढ़ावा देने के आरोप से भी बचा ले जाते हैं।
पार्टी के कार्यकर्ता क्या बताते हैं उनकी खूबियां
इन पांच खूबियों के साथ ललन सिंह की अन्य खासियतों पर भी कार्यकर्ता बात करते हैं। मुंगेर में उनके नजदीकी कार्यकर्ता रोहित सिन्हा कहते हैं कि ललन सिंह बहुत अच्छे संगठनकर्ता हैं। वे अपने लोकसभा क्षेत्र में भी आते हैं तो निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से भी मिलते हैं, उनकी समस्याएं पूछते हैं। मुंगेर के ही कार्यकर्ता सौरभ निधि कहते हैं कि ललन सिंह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे जुबान के पक्के हैं। वचन दे देने के बाद कुछ हो जाए, वे कट जाएंगे पर झुकेंगे नहीं। किसी हालत में मुकर नहीं सकते।
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