फर्जी वोटरों के जरिये जीत हासिल करनेवाली मुखिया जी संभल जाएं। इस बार पंचायत चुनाव में ये नहीं चलेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार पंचायत चुनाव 2021 में हर बूथ पर बायोमेट्रिक मशीन लगाने का फैसला लिया है। बायोमेट्रिक मशीन से ही मतदाताओं की हाजिरी ली जाएगी ।
सभी बूथों पर लगाई जाएगी बायोमैट्रिक मशीन
राज्य निर्वाचन आयोग के आकलन के मुताबिक आने वाले पंचायत चुनाव में 1 लाख 14 हजार पोलिंग बूथ बनाये जाएंगे । आयोग ने इन सभी बूथों पर बायोमैट्रिक मशीन लगाने का फैसला लिया है । आयोग की तरफ से ये व्यवस्था बोगस वोटिंग रोकने के लिए की गई है । बूथ पर वोट डालने के लिए आनेवाले वोटर का मतदान से पहले फिंगरप्रिंट लिया जाएगा । इसके साथ फेस रीडिंग भी जाएगी और उसका पलक झपकाते हुए वीडियो लिया जाएगा।
इस वीडियो और फिंगरप्रिंट को खासतौर से तैयार किये गए सॉफ्टवेटर में अपलोड किया जाएगा । इसके बाद मतदाता की पहचान सामने आ जाएगी । पहचान होने के बाद वोटरलिस्ट से मतदाता का मिलान किया जाएगा । इस व्यवस्था से बोगस वोटिंग करनेवाले यानि दूसरी बार वोटिंग करने वाले और दूसरों के पहचान पत्र पर वोटिंग करनेवाले मतदाता पकड़ में आ जाएंगे ।
सिर्फ परीक्षाओं में होती थी बायोमैट्रिक मशीन
पहली बार होने जा रही है यह व्यवस्था पहली बार किसी चुनाव में बायोमैट्रिक मशीन के जरिये मतदाता की पहचान करने का फैसला लिया गया है । इससे पहले बायोमैट्रिक मशीन का इस्तेमाल पहचान करने के लिए केवल परीक्षाओं में किया जाता रहा है । आयोग की तरफ से की जा रही इस तैयारी का मकसद पंचायत चुनाव में फर्जी वोटिंग करनेवालों पर रोक लगाने की है । बिहार में 10 चरणों में अगस्त से लेकर अक्टूबर तक चुनाव होने हैं ।
बिहार का पंचायत चुनाव कई मामलों में होगा खास
बिहार पंचायत चुनाव 2021 कई मामलों में खास होने वाला है । इस बार पहली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से होने जा रहे हैं । हालांकि ईवीएम मशीन की कमी के कारण ग्राम कचहरी के पदों के लिए होनेवाला चुनाव बैलेट पेपर से ही होगा,लेकिन इसके आलावा बाकी 4 पदों के लिए ईवीएम से चुनाव होंगे। इससे पहले ईवीएम विवाद और कोरोना के कारण बिहार का पंचायत चुनाव में पहले से ही 6 महीने की देर हो चुका है । गांव की सरकार को फिलहाल परामर्शी समिति चला रही है ।
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