मिलर हाई स्कूल, सरकार की पार्टी JDU के मुख्य कार्यालय के बगल में है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी JDU कोटे से ही आते हैं, लेकिन इस स्कूल का प्ले ग्राउंड पिछले एक साल से अधिक समय से बिना गेट का है। यहां टूटी हुई सड़कों औऱ् घरों का मलबा फेंका जा रहा है। नियम के अनुसार, स्कूल के बच्चों के लिए बेहतर प्ले ग्राउंड होना जरूरी है। कुछ ही सरकारी स्कूलों जैसे- बांकीपुर, कॉलेजिटएट और मिलर हाई स्कूल के पास बड़ा मैदान है, लेकिन उसका भी रख-रखाव ठीक नहीं है। राजनीतिक पार्टियों को जब जरूरत होती है तब मिलर हाई स्कूल का प्ले ग्राउंड ठीक करा दिया जाता है, पर अभी स्थिति यह है कि बच्चे यहां ठीक से खेल भी नहीं पा रहे। सबसे बड़े बजट वाले शिक्षा विभाग का सच देखने लायक है।
साल भर पहले टेंडर हुआ, काम अब तक अधूरा
कोरोना की वजह से लंबे समय तक स्कूल बंद रहे लेकिन, अब खुल गए हैं। मिलर हाई स्कूल के प्रिंसिपल आजाद चंद्र शेखर प्रसाद चौरसिया बताते हैं कि क्लास 11 और 12 को मिलाकर यहां एक हजार से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ने आते हैं। स्कूल मैदान की यह स्थिति क्यों है? इस सवाल पर प्रिंसिपल कहते हैं कि स्कूल का भवन, उसकी बाउंड्री और गेट के लिए टेंडर एक साल पहले हुआ है। अभी भवन का काम चल रहा है। बाउंड्री का काम अधूरा पड़ा है। बाउंड्री पर कंटीला तार भी लगना है। ठेकेदार को बुलाकार निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द काम पूरा करें, ताकि बच्चों को खेलने में कठिनाई न हो।
DEO बोले - जांच करवाते हैं कि देर क्यों हो रही
स्कूल मैदान में गेट नहीं होने से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी यहां लगा रहता है और स्कूली बच्चे इनकी संगति में पड़कर बिगड़ भी रहे हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी नीरज कुमार कहते हैं कि हमारी जानकारी में यह नहीं है कि कब टेंडर हुआ है और काम कहां तक पहुंचा है। लेकिन, समय-सीमा का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी कि मैदान में गेट अब तक क्यों नहीं लगा और बाउंड्री का काम अधूरा क्यों पड़ा है।
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