बिहार में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र लेने और योगदान करने के समय पुलिस की ओर से सत्यापित चरित्र प्रमाण पत्र की तुरंत कोई आवश्यकता नहीं है। शिक्षा विभाग ने आज इससे जुड़ा निर्देश जारी कर दिया है।
दरअसल, दैनिक भास्कर ने शुक्रवार को प्राथमिक शिक्षक नियोजन से जुड़े अभ्यर्थियों की कई दुविधाएं सामने लाई थीं। भास्कर के सामने अभ्यर्थियों की ओर से कई और सवाल आए थे। विभाग ने इन पर भी जवाब दिया है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने कहा है, 'अभ्यर्थियों को योगदान के समय अनिवार्य तौर पर दिया जाने वाला संकल्प 'दहेज ना लूंगा ना लेने दूंगा' सिर्फ स्व-घोषणा है। इसके लिए किसी तरह के शपथ पत्र की जरूरत नहीं होगी। नियुक्ति पत्र लेने और योगदान के समय अभ्यर्थियों को अपने सभी दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि के संबंध में एक शपथ पत्र देना है, जो न्यूनतम कार्यपालक दंडाधिकारी के स्तर का होना चाहिए।'
छात्रों के बीच के भ्रम को दूर करते हुए उन्होंने स्पष्टता से कहा कि शपथ पत्र किसी भी जिले का हो सकता है, गृह अथवा जहां नियुक्ति हो रही हो। उसकी फोटोकॉपी अभ्यर्थी स्कूल में या अन्य जगह जहां मांगी जाए दे सकते हैं। यदि शपथ पत्र 23 फरवरी की तिथि को आधार मानकर बनवाया गया है तो उसमें भी कोई दिक्कत नहीं होगी। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जिस दिन शपथ पत्र ले रहे हैं उसी दिन की उम्र संबंधी विवरण ही उसमें भरी जानी होगी। मेडिकल प्रमाणपत्र सिविल सर्जन से योगदान के समय दिया जाना जरूरी है।
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