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बिहार विधानसभा में स्पीकर पर भड़के नीतीश:9 लोगों की हत्या पर स्पीकर ने पुलिस को फटकारा; CM गुस्से में बोले- सदन ऐसे नहीं चलेगा

पटनाएक वर्ष पहले
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बिहार विधानसभा के बजट सत्र में आज बड़ा हंगामा हो गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक संजय सरावगी ने लखीसराय में 52 दिन में 9 लोगों की हत्या में कानून व्यवस्था पर सवाल पूछा था। उन्होंने मंत्री से पुलिस कार्यवाही का जवाब चाहा। इस वक्त सीएम नीतीश कुमार अपने चैंबर में थे। मामला उठते ही वो बेहद नाराज हो गए। गुस्से में सदन में आए और हंगामा करने वालों को जमकर फटकार लगा दी।

CM ने स्पीकर विजय सिन्हा को भी नहीं छोड़ा। कहा कि आप संविधान का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इस तरह से सदन नहीं चलेगा। एक ही मामले को रोज-रोज उठाने का कोई मतलब नहीं है।

इस दौरान CM और स्पीकर के बीच जमकर बहस हुई। नीतीश कुमार ने कहा-' इस मामले में विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी हम उस पर जरूर विचार करेंगे। किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी। देखेंगे कि कौन सा पक्ष सही है। सिस्टम संविधान से चलता है। किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाती है, सदन में नहीं। कृपा करके ज्यादा मत करिए। जो चीज पर जिसका अधिकार है, उसको करने दीजिए। हमारी सरकार न किसी को बचाती है और ना किसी को फंसाती है।'

CM का इस तरह गुस्से भरा बयान आने के बाद स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा- 'पुलिस की तरफ से लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है। जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी, आप हमसे ज्यादा जानते हैं, मैं आपसे सीखता हूं। जिस मामले की बात हो रही है, उसके लिए तीन बार सदन में हंगामा हो चुका है। मैं विधायकों का कस्टोडियन हूं, लेकिन खुद भी जनप्रतिनिधि हूं। जब भी क्षेत्र में जाता हूं तो लोग सवाल पूछते हैं कि थाना प्रभारी और डीएसपी की बात नहीं कह पा रहे हैं। सरकार गंभीरता से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो।'

संजय सरावगी ने एक अखबार का हवाला देते हुए सवाल उठाए थे।
संजय सरावगी ने एक अखबार का हवाला देते हुए सवाल उठाए थे।

विधानसभा में हंगामे के बाद सीएम के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है– न किसी को फंसाया जाएगा और न ही किसी को बचाया जाएगा! साथ ही साथ इस बात का ख्याल रहे संविधान, स्वाभिमान, अधिकार और आत्मसम्मान का हनन! नहीं होगा सहन।

यहां से शुरू हुआ विवाद

भाजपा के विधायक संजय सरावगी ने सदन में सवाल उठाया कि एक अखबार में लखीसराय में बीते लगभग 2 महीनों में 9 लोगों की हत्या कर देने की खबर प्रकाशित हुई थी। क्या यह बात सही है कि लखीसराय जिले में साल 2022 के शुरुआती दिनों में 9 लोगों की हत्या हुई है। क्या यह बात सही है कि इन मामलों में गिरफ्तारी नहीं होने से अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है और जनता में भय व्याप्त हो रहा है।

इस पर सरकार की तरफ से प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव संजय सरावगी के सवालों का जवाब दे रहे थे। भाजपा विधायक सरावगी मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सरकार को घेरने के अंदाज में कहा कि पुलिस दोषियों को नहीं पकड़ रही है। विधायक सरावगी सरकार पर ही सवाल उठाते हुए मंत्री के जवाब के बीच में बोलने लगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर महोदय को पता ही है कि लखीसराय में पुलिस का रवैया।

यह मामला विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के क्षेत्र का है। इसलिए स्पीकर विजय सिन्हा भी विभागीय मंत्री की ओर से संजय सरावगी के सवाल पर स्पष्ट जवाब चाह रहे थे। विधायक और मंत्री के बीच हो रहे सवाल-जवाब से स्थिति थोड़ी असहज हो रही थी। इसलिए इस प्रश्न को 16 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोलने लगे।

पुलिस अफसरों से इस मामले में बातचीत करते स्पीकर, इस दौरान स्पीकर विजय सिन्हा से अभद्रता की गई थी।
पुलिस अफसरों से इस मामले में बातचीत करते स्पीकर, इस दौरान स्पीकर विजय सिन्हा से अभद्रता की गई थी।

बार-बार लखीसराय का मामला सामने आने पर भड़कें

बता दें, लखीसराय में कई जगहों पर बीते फरवरी में सरस्वती पूजा के दौरान ऑर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया था। इसमें बार-बालाओं का डांस हुआ था। हथियारों के प्रदर्शन के साथ नर्तकियों पर नोटों की बरसात की गई। वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने अपनी कार्रवाई में दो ऐसे लोगों को अरेस्ट किया जो सिर्फ ऑर्केस्ट्रा देखने गए थे। इलाके के विधायक होने के नाते लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा क्षेत्र में गए तो लोगों ने शराब के अवैध धंधे और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इस पर स्पीकर ने डीएसपी और थाना प्रभारी को तलब कर लिया था। फटकार लगाने पर डीएसपी और थाना प्रभारी ने उनके साथ अभद्रता की थी। स्पीकर ने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाकर दोनों को सस्पेंड करने के लिए कहा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब से लखीसराय की कानून व्यवस्था पर सवाल सदन में उठ रहा है।