बिहार विधानसभा की कार्यवाही का आज 12वां दिन है। सदन में आज NDA एकजुट दिखाई दी। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा सदन में लौट गए हैं। विरोधी दल मुख्यमंत्री से माफी मांगने के साथ इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर गई थी। दोपहर 2 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा फिर तेज हो गया। विपक्ष मुख्यमंत्री माफी मांगों का नारा लगाते रहे। विपक्ष अपनी बात रखने की मांग करने लगे। हंगामे के बाद फिर से विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शाम 4:40 बजे तक स्थगित कर दी। सदर की कार्यवाही पुन: शुरू हुई पर विपक्ष बेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस बीच विस अध्यक्ष ने सदस्यों से शांति तरीके से सदन चलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से बात हुई है। उनसे कोई दुर्भावना नहीं थी। विपक्ष के हंगामे के बीच उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आसन को विपक्ष द्वारा रौंदा गया है।
राबड़ी देवी बोलीं- सदन बिना स्पीकर के नहीं चलता
वहीं विधानसभा मामले पर राबड़ी देवी ने कहा कि सरकार उन्हीं की है जो करे उसमें हमें नहीं पड़ना है। सदन बिना स्पीकर के नहीं चलता है। विपक्ष का काम सदन बंद कराना है। कल नीतीश और विधान सभाध्यक्ष के बीच क्या समझौता हुआ वो जाने, इसका जवाब नीतीश कुमार देंगे क्या समझौता हुआ।
विधानसभा अध्यक्ष का सदस्यों के नाम संदेश
विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों ने नाम संदेश जारी किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की पंक्तियां भी दोहराई। सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बर्ताव के बाद स्पीकर विजय सिन्हा ने क्या संदेश दिया, आइए जानते हैं...
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बीते दिनों जो कुछ भी हुआ उसे इस पवित्र सदन की गरिमा के लिहाज से कतई उचित नहीं कहां जा सकता। हमारा आज आने वाले कल का इतिहास है और इतिहास की दृष्टि बड़ी तीक्ष्ण और बारीक होती है। हमारा आज का आचरण और व्यवहार जब इतिहास का हिस्सा बन जाता है, तब उसे सही या गलत साबित करने को हम मौजूद नहीं होते हैं। इसलिए हम वर्तमान के व्यवहार को नियम कायदे और मर्यादा की परिसीमा में रखें तो आने वाला समय हमें याद रखे ना रखे पर हमसे नजरें चुराने को मजबूर ना होगा।
बीते दिनों जो कुछ भी हुआ वैसा दोबारा ना हो पाए
स्पीकर ने आगे कहा 'राजनीति की रपटीली' राहों में फूल भी है, शूल भी, धूल भी है, गुलाब भी, कीचड़ भी है, चंदन भी, सुंदरता भी है, कुरुपता भी और इनमें से किसी से भी अपना दामन बचा कर नहीं चल सकते। विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि मैंने आज तक के अपने सार्वजनिक जीवन को इसी सरलता, सहजता और साफगोई से जीने का प्रयास किया है। बीते दिनों जो कुछ भी हुआ वैसा दोबारा ना हो पाए, यह संकल्प लेकर आगे बढ़ना होगा। जब हम और आप यहां नहीं होंगे, हमारे निशां यहां होंगे। तब नाम-पद-प्रतिष्ठा के बजाय वही हमारी पहचान होगी।
सुधार करने की नियत हो तो बहुत कुछ सीख सकता है इंसान
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम जिस महान सदन के अंग हैं। वहां की परंपरा हमें यही कहती है, इस स्वीकार करने की हिम्मत और सुधार करने की नियत हो तो इंसान बहुत कुछ सीख सकता है। अंत में उन्होंने अटल जी की चार पंक्तियां दोहराई...
"उजियारे के अंधकार में,
कल कहार में, बीच धार में
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में
जीवन के शत-शत आकर्षक
अरमानों को ढलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।"
सदन के बाहर भाकपा माले के विधायकों का हंगामा
इससे पहले करीब 25 मिनट तक हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 2 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। कहा यह जा रहा है कि मामला सुलझ गया है लेकिन आज उन सभी बातों पर सीएम सफाई दे सकते हैं। मंगलवार रात में सीएम और विधानसभा अध्यक्ष की मुलाकात हुई थी।बिहार विधानसभा के बाहर भाकपा माले के विधायकों का हंगामा हुआ।
बिहार विधानसभा में पिटाई को लेकर जो आचरण समिति की रिपोर्ट आई है उस रिपोर्ट को वापस लेने और लॉकडाउन से प्रभावित दुकानदारों को मुआवजा देने के साथ-साथ राज में बढ़ रहे अपराध की घटनाओं को रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंगलवार को सदन में नहीं आए थे स्पीकर
बिहार विधान सभा बजट सत्र 11वीं बैठक में अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा सदन में नहीं आए। सत्तारूढ़ दल के तमाम नेता उन्हें मनाने में जुटे रहे। लेकिन, वह पूरे दिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने नहीं पहुंचे। हालांकि इस दौरान विजय सिन्हा अपने चेंबर में बैठे रहे, लोगों से मुलाकात करते रहे लेकिन, सदन के आसन पर जाकर नहीं बैठे। दरअसल, सोमवार को CM नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर के नाम पर भरी सभा में अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को खरी-खोटी सुना दी थी। हालांकि, उसके बाद तक सदन में विजय सिन्हा भी मौजूद थे और सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे। लेकिन दूसरे दिन विजय सिन्हा ने अपना तेवर दिखाया और सदन में नहीं पहुंचे।
प्रेम कुमार को विपक्ष ने देखा हंगामा शुरू कर दिया
मंगलवार को विजय सिन्हा समय पर विधानसभा पहुंच गए, अपने चेंबर में जाकर बैठ गए लेकिन, सदन के अंदर नहीं गए। तब सभापति प्रेम कुमार ने सदन की कार्रवाई शुरू की। आसन पर जैसे ही प्रेम कुमार को विपक्ष ने देखा हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष विजय सिन्हा को बुलाने की मांग करने लगे। इसी बीच विपक्ष बेल में आकर सीएम के खिलाफ नारा लगाने लगा। हंगामा तेज होता देख प्रेम कुमार ने महज 15 मिनट में ही सभा को स्थगित कर दिया। जब 2:00 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के विधायकों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। आसन पर प्रेम कुमार बैठे थे उन्होंने महज 13 मिनट में ही सभा को स्थगित कर कर दिया। इसके बाद 4:50 बजे सदन शुरू हुआ तो खाना पूर्ति के लिए ग्रामीण विकास विभाग का बजट लिया गया और 10 मिनट में सभा को समाप्त कर दिया गया। मंगलवार को महज 38 मिनट ही सभा की बैठक चल सकी।
विजय सिन्हा की नाराजगी अभी तक समाप्त हुई है
अध्यक्ष विजय सिन्हा की नाराजगी अभी तक समाप्त हुई है कि नहीं, इस पर संस्पेंस बना हुआ है। आज विधानसभा बजट सत्र का की 12 वीं बैठक है। मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार सदन में नहीं पहुंचे थे। इसके साथ ही प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी सदन में नहीं पहुंचे थे। लेकिन, आज सीएम के साथ-साथ प्रतिपक्ष के नेता भी सदन में होंगे। बताया जा रहा है कि बीती रात सीएम नीतीश कुमार और विजय सिन्हा में मुलाकात कर मामले की सुलह कराने की कोशिश की गई। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है। आज यदि ससमय विजय सिन्हा सभा में पहुंचते हैं तो सुलह मान लिया जाएगा। वही, आज सीएम नीतीश कुमार सदन के अंदर अपने परसों किए गए बर्ताव पर भी बयान दे सकते हैं।
CM गुस्से में बोले- सदन ऐसे नहीं चलेगा
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