मुजफ्फरपुर जिले के आनंदपुर गांव की 65 साल की किसान चाची की गिनती देश की उन महिला कृषकों में होती है, जिसने अपनी लगन से न सिर्फ अपने बल्कि अपने जैसी हजारों महिलाओं का जीवन बदल दिया। 12 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उनके घर जाने वाले हैं। वह किसान चाची और 50 अन्य महिला किसानों से उनके कृषि से जुड़े अनुभव सुनेंगे।
राजकुमारी देवी है किसान चाची का असली नाम
किसान चाची ने सफलता का यह मुकाम वर्षों के संघर्ष से पाया है। एक वक्त था जब उनके घर में दो वक्त की रोटी मुश्किल से जुटती थी। तब घर लोग उन्हें राजकुमारी देवी के रूप में जानते थे। उन्होंने खुद खेती करना शुरू किया। इसके साथ ही अचार बनाने लगीं। राजकुमारी देवी साइकिल से अचार बेचने बाजार जाने लगीं, जो समाज को मंजूर न था। समाज ने उन्हें बहिष्कृत कर दिया था। इन सब बाधाओं से राजकुमारी नहीं डरीं और एक कृषक व कारोबारी के रूप में अपनी पहचान बनाई। बाद में जो लोग पहले ताने देते थे वे सम्मान की नजर से देखने लगे।
विदेशों में निर्यात होता है किसान चाची का प्रोडक्ट
किसान चाची की शादी 1974 में हुई थी। लंबे समय तक संतान नहीं हुई तो ससुराल में ताने सहे। 1983 में बेटी पैदा हुई, तब भी ताने ही मिले। ससुरालवालों ने उन्हें घर से अलग कर दिया। वह पति के साथ खेती करने लगीं। उन्होंने खेती के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए। सब्जी की खेती की, लेकिन बाजार में सही कीमत नहीं मिलती थी। यह देख उन्होंने खेती के साथ अचार-मुरब्बा बनाना भी शुरू कर दिया। 2003 में किसान मेले में उनके उत्पाद को पुरस्कार मिला। सीएम घर आए। अब किसान चाची के साथ 250 महिलाएं जुड़ी हैं, जो अचार-मुरब्बा तैयार करती हैं। अब वह साइकिल के बजाए स्कूटी से चलती हैं। उनके प्रोडक्ट विदेशों में निर्यात होते हैं।
अमिताभ केबीसी में बुला चुके हैं, मोदी तारीफें कर चुके हैं
किसान चाची को 2006 में किसान श्री सम्मान मिला। यहीं से किसान चाची नाम पड़ा। वाइब्रेंट गुजरात-2013 में आमंत्रित की गईं। तब मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने उनका फूड प्रोसेसिंग मॉडल सरकारी वेबसाइट पर डाला। 2015 और 2016 में अमिताभ बच्चन ने केबीसी में बुलाया था।
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