पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज शुरू हो गया है। इस दौरान स्वयं मांझी दही-चूड़ा परोसते दिखे। वहीं, आयोजन स्थल के बाहर भगवान परशुराम, बाबा साहेब अंबेडकर और माउंटेन मैन दशरथ मांझी की तस्वीर लगाई गई है। शरद सिंह, यशराज सिंह समेत कई युवकों ने भोज में शामिल होकर विरोध किया। इसके बाद उनके साथ धक्का-मुक्की की भी खबर है। बताया जा रहा है कि सोमवार को भोज करने का उद्देश्य मांझी के ब्राह्मणों के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी से हुए डैमेज को कंट्रोल करना है।
बता दें, 18 दिसंबर को पटना में भुइयां समाज के सम्मेलन में मांझी ने कहा था, 'दलित समाज में आजकल सत्य नारायण भगवान की पूजा का प्रचलन काफी तेज हो गया है। जगह-जगह ब्राह्मण जाकर सत्य नारायण भगवान की पूजा कराते हैं। हमारे समाज में ब्राह्मण @#$%... (गाली) जाते हैं, लेकिन खाना नहीं खाते हैं। सिर्फ पैसा लेते हैं।'
इस बयान पर हंगामा होने पर पूर्व CM ने एक बार ब्राह्मणों से माफी मांगी, लेकिन दूसरी बात यह कह दिया कि हम ऐसे ब्राह्मणों से माफी नहीं मांग रहे हैं जो मीट-मछली और दारू का सेवन करते हैं। मीट-मछली और शराब का सेवन नहीं करते हैं उनके लिए हम भोज का आयोजन करेंगे।
सात्विक ब्राह्मण के स्वागत की है तैयारी
पटना स्थित जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित भोज में बेतिया के चनपटिया से खुशबूदार चूड़ा मंगाया गया है। दही, गुड़ और भूरा की व्यवस्था है। मांझी गया जिले के रहने वाले हैं तो गया का तिलकुट भी मंगाया गया है। भोज में गोभी, आलू, मटर की बिना प्याज और लहसुन वाली सब्जी बनी। HAM पार्टी के प्रवक्ता अमरेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, भोज में सात्विक ब्राह्मण आएंगे, इसलिए बिना प्याज-लहसुन वाला भोज तैयार किया गया है।
गजेंद्र झा ने भोज को गौ मांस की दी थी उपमा
मांझी ने मकर सक्रांति से पहले इस भोज का आयोजन करके बिहार में चूड़ा-दही पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है। इससे पहले ब्राह्मण संगठन के कई नेताओं ने भोज में नहीं जाने का आह्वान किया है। मांझी की जीभ काटने वाले को इनाम देने की घोषणा करने वाले BJP से निष्कासित नेता गजेंद्र झा ने ऐलान किया है कि इस भोज में जाने वाले ब्राह्मण यदि भोजन करते हैं तो वह गौ मांस के बराबर होगा।
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