जातीय जनगणना को लेकर CM नीतीश कुमार को PM नरेंद्र मोदी पर अब भी पूरा भरोसा है। सोमवार को CM ने कहा- 'जो मैंने चिट्ठी लिखी थी, वो PM को मिल गई है। अब इसको लेकर कोई हड़बड़ी नहीं है। जब उन्होंने चिट्ठी स्वीकार कर लिया है तो वो बुलाएंगे भी। हम इसका इंतजार करेंगे'।
उन्होंने कहा- 'जातीय जनगणना से सिर्फ बिहार जैसे राज्य को ही फायदा नहीं होगा, इससे सभी राज्यों को फायदा हो जाएगा। हमें उम्मीद है PM हमारी बातों को सुनेंगे और उस पर विचार करेंगे। हम वेट करेंगे, कोई नई बात नहीं कहेंगे। प्रधानमंत्री को जब समय मिलेगा, वो समय देंगे'।
नीतीश कुमार ने कहा- 'अभी अकेले जातीय जनगणना कराने पर कोई विचार नहीं हुआ है। कई राज्यों ने जातीय जनगणना कराया है, लेकिन जब तक PM से बात नहीं हो जाती इस पर विचार नहीं करेंगे। जो भी निर्णय होगा, सब मिलकर लेंगे। सबकी सहमति से निर्णय लेंगे, लेकिन वो आगे की बात है। अभी फैसला केंद्र सरकार को लेना है। 2011 में जो जनगणना हुई थी। उसकी रिपोर्ट ठीक नहीं आ पाई थी। इसलिए उसका कोई मतलब नहीं है'।
JDU में कोई गड़बड़ी नहीं
JDU में ललन सिंह और RCP सिंह के बीच विवाद पर उन्होंने कहा- 'यहां सब कुछ ठीक है। कोई गड़बड़ नहीं है। जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर आए तो उनका स्वागत किया गया, तो कोई केंद्र में मंत्री बनकर आ रहा है तो कार्यकर्ता उनका स्वागत कर रहे हैं। JDU में कोई शक्ति प्रदर्शन जैसी बात नहीं है'।
CM ने कहा- 'ऐसी कोई बात नहीं कि मतभेद है। यह भ्रम है। हम प्रेसिडेंट थे तो आरसीपी सिंह को बनाए, जब वो मंत्री बन गए तो उन्होंने ललन सिंह को बनाया। यहां कोई मतभेद नहीं है'।
सीएम ने पिता को किया याद
PM नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर कहा था कि अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। इस पर CM नीतीश कुमार ने कहा- 'यह जरूरी है कि युवाओं को इस बात की जानकारी होनी चाहिए, नहीं तो लोग भूल जाएंगे कि देश का कभी बंटवारा हुआ था'।
उन्होंने कहा- 'मेरे पिता जी स्वतंत्रता सेनानी थे तो मुझे बताते थे। अब इसे बताना चाहिए कि देश का बंटवारा हुआ था, गांधी जी नहीं चाहते थे। जब बंटवारा हो भी गया था तो गांधी जी उनका सहयोग करना चाहते थे, लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। इससे देश नाराज हुआ था'।
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