कोरोना काल में सिविल सर्जन के आदेश से प्रतिनियुक्ति की मलाई काटने वालों की मुश्किल अब बढ़ गई है। ऐसे लोगों की प्रतिनियुक्ति एक ही आदेश में समाप्त कर दिया गया है। अब संबंधित डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों को पूर्व तैनाती पर जाकर सेवा देनी हाेगी। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव शैलेश कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए 19 अप्रैल से 31 मई के बीच DM और सिविल सर्जन को प्राधिकृत किया गया था जो अब स्वत: समाप्त कर दिया गया है।
कोरोना काल में खूब चला प्रतिनियुक्ति का खेल
कोरोना काल में प्रतिनियुक्ति का खूब खेल चला है। जिस डॉक्टर या कर्मचारी की सिविल सर्जन से सेटिंग थी वह जुगाड़ से मुख्यालय आ गया और मलाई के पद पर काम करने लगा। पटना में कोरोना काल में कई डॉक्टरों को बाहर से बुलाकर ऐसे ही बड़ी जिम्मेदारी पर लगाया गया था। अस्पतालों की जांच पड़ताल से लेकर कई ऐसे विशेष मामलों का जिम्मा सौंपा गया था जो खूब चर्चा में रहा। जिन अस्पतालों से डॉक्टरों को हटाया गया वहां मरीजों को खूब समस्या हुई। इसके बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई। पटना से लेकर राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसा ही खेल चला है7 सिविल सर्जन कार्यालय से कई डॉक्टर और कर्मियों को मुख्यालय व अलग अलग टीम में शामिल कर अस्पताल से छुट्टी करा दी गई।
सरकारी आदेश से समाप्त हो गई प्रतिनियुक्तियां
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव शैलेष कुमार ने 13 जुलाई को जारी आदेश में कहा है कि कोविड 19 के संबंध में जिला स्तर पर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता अनुसार विभिन्न पदों पर स्वास्थ्य संस्थानों में प्रतिनियुक्ति करने, प्रभार आदान-प्रदान करने के लिए विभागीय पत्रांक 574(2) दिनांक 19 अप्रैल 2021 द्वारा सभी जिला पदाधिकारी एंव सभी सिविल सर्जन को 31 मई तक के लिए प्राधिकृत किया गया था। उक्त विभागीय पत्रांक के संबंध में जिला पदाधिकारी सिविल सर्जन द्वारा की गई प्रतिनियुक्ति को स्वत: समाप्त समझा जाए एवं संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी अपने अपने मूल पदस्थापन, पद पर योगदान करना सुनिश्चित करें। आदेश में यह भी कहा गया है कि प्रस्ताव में समक्षम प्राधिकार का अनुमोदन भी प्राप्त है। इस आदेश की प्रतिलिपि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ महालेखाकार, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिला पदाधकिकारी, सभी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया है।
अफसरों के चहेतों को जाना होगा दूर
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव शैलेश कुमार के इस आदेश के बाद अफसरों के चहेते कर्मियों और चिकित्सा पदाधिकारियों की मुश्किल बढ़ गई है। अब उन्हें मूल तैनाती पर जाना होगा। अगर वह पूर्व तैनाती के पदों पर नहीं गए तो भी समस्या होगी। सिविल सर्जन में कार्यालय में कोराेना काल में ऐसे मेडिकल अफसर दिखाई पड़े जिन्हें बाहर ेस लाया गया था और काम पर लगा दिया गया। ऐसे मेडिकल अफसरों के कार्यो पर भी सवाल खड़े हुए थे। मनमानी के ऐसे मामलों के संज्ञान में आने के बाद कोरोना काल में की गई प्रतिनियुक्तियों को रद करने का काम किया गया है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.