प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने बिहार में उच्च शिक्ष को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब बिहार के सभी जिले में पीजी की पढ़ाई करायी जाएगी। जिन जिले में पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही है, वहां जल्द ही शुरू होगी। गुरुवार को उन्होंने कहा कि अभी बिहार के 10 जिलों में ही पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही है। जमुई और सुपौल के एक- एक कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू करने का फैसला सरकार ने लिया है।
इन जिलों में कराई जाएगी पीजी की पढ़ाई
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अभी दो जिले जमुई और सुपौल में पीजी की पढ़ाई शुरू करने का फैसला लिया गया है। शेष आठ जिलों में पीजी की पढ़ाई के लिए प्रयास जल्द शुरू होंगे। गोपालगंज, कैमूर, किशनगंज, बांका, शिवहर, लखीसराय, अरवल, नवादा में भी इस समय पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जिन कॉलेज में पीजी की पढ़ाई के लिए मापदंड हैं, वैसे कॉलेज में पीजी पढ़ाई की अनुमति दी जाएगी।
सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को भेजा गया पत्र
सरकार के उपसचिव अरशद फिरोज ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को 26 अगस्त 2021 को भेजे पत्र में कहा है कि जिला में कम से एक- एक वैसे स्नातक अंगीभूत महाविद्यालय और राजकीय महाविद्यालय जिसमें कला- विज्ञान- वाणिज्य संकाय (प्रतिष्ठा स्तर) का अध्यापन होता है, वैसे महाविद्यालय में कला- विज्ञान- वाणिज्य संकाय के विषय में 30 छात्र पर एक शिक्षक की उपलब्धता पर स्नातकोत्तर का अध्यापन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा है कि विश्विद्यालय के सक्षम प्राधिकार की अनुशंसा के बाद स्नातकोत्तर अध्यापन की अनुमति प्रदान की जाएगी। इसके बाद विश्वविद्यालय की अनुशंसा के आलोक में अनुशंसित विषयों में सरकार से पद स्वीकृति की प्रक्रिया की जाएगी।
पीजी की पढ़ाई के लिए नहीं जाना पड़ेगा बाहर
बिहार के कई ऐसे जिले हैं, जहां पीजी की पढ़ाई की व्यवस्था कॉलेजों में नहीं है। इसलिए वहां के विद्यार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है और अन्य जिलों में जाना पड़ता है। इससे खास तौर से महिलाओं को परेशानी होती है। शिक्षा विभाग के नए फैसले से ऐसे विद्यार्थियों को राहत मिलेगी जो पीजी करना चाहते हैं।
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