नवनियुक्त शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी:42 हजार शिक्षकों को जल्द मिलेगा वेतन, जाति आधारित गणना में पड़ सकती है इनकी जरूरत

पटना10 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

बिहार में छठे चरण के तहत नियुक्त 42 हजार शिक्षकों के लिए खुशखबरी वाली खबर है। सरकार ने इनके लिए वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया है। इस वर्ष फरवरी माह से काम कर रहे शिक्षकों को अब तक किसी माह का वेतन नहीं दिया गया है। भास्कर के जरिए कई शिक्षक संघों ने जल्द से जल्द वेतन देने की मांग की थी। इसे भास्कर ने प्रमुखता से सामने लाया था। वेतन नहीं मिलने की वजह से बढ़ती महंगाई की मार नवनियुक्त शिक्षक ज्यादा ही झेल रहे थे।

इन शिक्षकों की परेशानी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने तत्काल वेतन भुगतान करते हुए मार्च 2023 के वेतन भुगतान करने की बात कही है। सरकार जाति आधारित गणना नौ माह में कराने वाली है इसके लिए इन 42 हजार नवनियुक्त शिक्षकों की जरूरत सरकार को पडे़गी, इसे देखते हुए भी सरकार ने जल्द वेतन भुगतान की तेजी दिखाई है। वेतन भुगतान के लिए अनुवर्ती कार्रवाई संबंधित नियोजन इकाई और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों द्वारा की जाएगी। इस आशय का आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश द्वारा जारी किया गया और उसकी प्रति प्रमंडलीय आयुक्त से लेकर, सभी महापौर नगर निगम, सभी जिलाधिकारी , नगर पंचायत आदि तक भेजी गई है।

बिना वेतन कब तक पढ़ाएंगे शिक्षक?: शिक्षक संघों ने सरकार से किया सवाल

शिक्षा मंत्री ने विभागीय अफसरों के साथ समीक्षा के बाद दिया निर्देश

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार और प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक रवि प्रकाश ने विभागीय अफसरों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद छठे चरण में नियुक्त 42 हजार शिक्षकों को सशर्त वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है।

मार्च 2023 तक के लिए सत्यापन की प्रतीक्षा किए बिना वेतन जारी करना आदेश

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि नवनियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों को उनके योगदान से लेकर माहवार वेतन मार्च 2023 तक के लिए सत्यापन की प्रतीक्षा किए बिना करने का आदेश जारी किया गया है। सत्यापन की स्थिति की समीक्षा के अनुसार इसके बाद के लिए विभाग अलग से आदेश जारी करेगा। इस बीच 30 सितंबर 2022 तक सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन का कार्य पूरा कर लेना का लक्ष्य निर्धारित है।

शपथ पत्र नियोजन से पूर्व ही लिया जा चुका है
शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में माना है कि शिक्षकों से बिना वेतन के कार्य कराना वैधानिक प्रतीत नहीं होता है। बता दें कि प्रमाण पत्र गलत पाए जाने पर सेवा स्वतः समाप्त कर दिए जाने से संबंधित शपथ-पत्र अभ्यर्थियों से नियोजन पूर्व लिया गया है।

शिक्षक संघों ने विभाग को धन्यवाद दिया और साथ ही यह मांग भी की

संघर्षशील शिक्षक संघ, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि हमलोग विभाग से इसकी मांग लगातार कर रहे थे। इसके लिए शिक्षा मंत्री और प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मिलकर आग्रह भी किया है। उन्होंने विभाग धन्यवाद कहा है। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा है कि यह सराहनीय कदम है। सरकार ससमय वेतन भुगतान सुनिश्चित करे और इसके लिए एक अनुमानित बजटीय प्रावधान के लिए राशि उपलब्ध कराए। इसे हर साल किया जाए। टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा है कि विभाग ने जब वेतन देने का निर्देश दे दिया है तब इससे जुड़ी प्रक्रिया जिलों में जल्द से जल्द पूरी की जाए और मास्टर डेटा, ईपीएफ एकाउंट और सैलरी एकाउंट जल्द से जल्द खोला जाए।