प्रदेश विधानसभा चुनाव में JDU सीधे BJP से भिड़ने वाली है। अपने 26 सीटों के ऐलान के बाद यह तो JDU ने साफ कर दिया कि वह किसी भी तरह से इस बार कृपा नहीं करने वाली है। जाहिर सी बात है JDU ने काफी दिनों तक यह कोशिश की कि BJP के साथ UP में गठबंधन हो जाए और गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा जाए। लेकिन, BJP ने कोई तरजीह नहीं दी। उसके बाद यदि JDU ने जो खेल किया उससे BJP सकते में जरूर आ जाएगी। 26 विधानसभा सीटों की जो घोषणा JDU ने की है उसमें 22 सीटें ऐसी हैं जिस पर BJP गठबंधन का कब्जा है। इन 22 सीटों में 19 पर तो सीधे BJP के विधायक हैं और 3 अपना दल के विधायक हैं। बाकी के 4 में से 3 पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं और एक कांग्रेस के कब्जे में है। ऐसे में JDU ने यूपी में सीधे BJP के खिलाफ अदावत शुरू कर दी।
अंदर खाने की खबर यह है कि JDU ने इन्हीं सीटों की डिमांड की थी जिस पर ज्यादातर BJP और अपना दल के विधायक थे। इसीलिए BJP ने बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। BJP का आला कमान इस बात से हैरान था कि जो सीटिंग सीटें हैं उसे कैसे छोड़ी जाए। इसलिए BJP ने JDU के साथ यूपी के अंदर समझौता नहीं किया। JDU ने अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। जाहिर सी बात है JDU उन उम्मीदवारों का इंतजार कर रहा है जो BJP और उसके गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में BJP और अपना दल के जो दो नंबर के उम्मीदवार होंगे उनको JDU अपना सिंबल देकर चुनाव लड़ाएगी।
आज JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ तौर पर अपने दल के केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर यह आरोप लगाया है कि उनकी वजह से BJP ने यूपी में JDU को तरजीह नहीं दी। उन्होंने JDU को अंधेरे में रखा। ललन सिंह ने साफ कहा कि यूपी चुनाव के लिए सब कुछ आरसीपी सिंह देख रहे थे। आखिर कहां धोखा मिला। उन्होंने कहा कि यह आरसीपी सिंह ही बता सकते हैं कि आखिर क्या हुआ। लेकिन JDU को आरसीपी सिंह पर पूरा भरोसा था और उन्हीं की वजह से यह गठबंधन नहीं हो पाया।
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