27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए धमाके मामले में 9 दोषियों को सजा सुनाई गई है। चार को फांसी, दो को उम्र कैद, 2 को 10 साल और एक दोषी को 7 साल की सजा का ऐलान किया गया। 23 अक्टूबर को पटना सिविल कोर्ट में NIA के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने सीरियल बम ब्लास्ट के सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था। स्पेशल कोर्ट ने 8 साल 5 दिन बाद सोमवार यानी 1 नवंबर को सजा सुनाई। घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 89 घायल हुए थे।
सुबह 9 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक कुल 7 बम ब्लास्ट हुए थे। गांधी मैदान में यह घटना नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान हुई थी। तब मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।
तगड़ी सुरक्षा की जानकारी हुई तो मानव बम बनाने का बदला था प्लान
धमाका करने के लिए हैदर, इम्तियाज, मुजीबुल्लाह, नोमान और तारिक बस से रांची से पटना आए थे। ये सभी बाइपास पर ही उतर गए। फिर वहां से ऑटो से पटना जंक्शन और फिर गांधी मैदान पहुंचे थे। इम्तियाज और तारिक को पटना जंक्शन के शौचालय में बम प्लांट करना था, जबकि मुजीबुल्लाह व नोमान को गांधी मैदान में।
मुजीबुल्लाह ने ही गांधी मैदान में IED, आलू बम और लोटस बम प्लांट किए थे। आतंकियों ने जिलेटिन की छड़ समेत अन्य विस्फोटक रांची, रायपुर और मिर्जापुर से खरीदे थे। इम्तियाज कुकर बम और हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी मानव बम (सुसाइड बेल्ट या जैकेट) बनाने में माहिर है। जब हैदर को जानकारी हुई कि नरेंद्र मोदी की सुरक्षा तगड़ी है तो फिदायीन हमले का प्लान बदल दिया गया।
आतंकियों में 6 रांची, 1 मिर्जापुर व 2 रायपुर का
पटना सीरियल बम ब्लास्ट केस में 9 आतंकियों हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, इम्तियाज अंसारी, मुजीबुल्लाह, नोमान अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, अहमद हुसैन, फिरोज असलम और इफ्तिखार आलम को कोर्ट ने दोषी करार दिया। एक आरोपी फखरुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। घटना के वक्त नाबालिग एक आरोपी पटना के रिमांड होम में है। उस पर छत्तीसगढ़ में भी बम धमाकों का आरोप है।
इनमें से हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, इम्तियाज अंसारी, मुजीबुल्लाह, उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी पहले ही बोधगया ब्लास्ट में उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं। आतंकियों में 6 झारखंड के रांची, 1 यूपी के मिर्जापुर और 2 छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं।
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सिमी (IM) पहले से देश में है प्रतिबंधित
NIA की स्पेशल कोर्ट ने बताया था कि सभी आरोपी प्रतिबंधित संगठन सिमी (IM)- Students Islamic Movement of India (Indian Mujahideen) के सदस्य हैं। सिमी को देश में प्रतिबंधित किया गया था। इस संगठन का मकसद भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना है, जिसे ये दार-उल-इस्लाम कहते हैं।
25 अप्रैल 1977 को यूपी के अलीगढ़ में बना ये टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने के लिए जाना जाता है। सभी आतंकी उसी संस्थान के लिए काम करते थे। इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्यों में से एक यासीन भटकल NIA के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल में से एक था, जिसे उन्होंने भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था।
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