9 से 15 मार्च तक प्रवासी मजदूर एकजुटता सप्ताह:माले संगठन की ओर से लोगों को बताया जाएगा, बीजेपी ने कैसे लोगों को भरमाया

पटना3 महीने पहले
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AICCTU और AIARLA ने किया प्रदर्शन - Dainik Bhaskar
AICCTU और AIARLA ने किया प्रदर्शन

तमिलनाडु मामले के बाद बिहारी मजदूरों का सवाल खूब उठ रहा है। इसको लेकर माले के संगठन AICCTU (ऑल इंडिया सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स) और AIARLA (ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल एंड रूरल लेबर एसोसिएशन) ने रविवार को पटना में प्रदर्शन किया और बीजेपी नेताओं के खिलाफ खूब नारेबाजी की। इसमें भाकपा माले पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, विधायक सत्यदेव राम, एपवा की नेत्री सरोज चौबे सहित कई नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए। नेताओं ने बताया कि 9 से 15 मार्च को प्रवासी मजदूर एकजुटता सप्ताह मनाया जाएगा और बताया जाएगा कि कैसे बीजेपी ने मजदूरों के खिलाफ साजिश किया और डराया।

भाजपा के नेताओं ने षडयंत्र रचा

इस अवसर पर धीरेन्द्र झा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने तमिलनाडु में रह रहे बिहारी मजदूरों के खिलाफ षडयंत्र रचा। इससे मजदूरों को काफी परेशानी हुई। दूसरे ही दिन AIARLA की टीम ने उस क्षेत्र का दौरा किया और मामला विधान सभा में भी उठाया। भाजपा के नेताओं ने विधान सभा में झूठ कहा और सदन सहित पूरे बिहार की जनता को फर्जी वीडियो के नाम पर भरमाने का काम किया। धीरेन्द्र झा ने कहा कि 30-30 फर्जी वीडियो डाउनलोड कर माहौल बनाया गया।

माइग्रेट मजदूरों के लिए केन्द्रीय काननू का सवाल ठंडे बस्ते में

उन्होंने कहा कि बिहार में खेती का डेवलपमेंट नहीं है, इंडस्ट्री नहीं है, इस कारण बड़ी संख्या में बिहार के मजदूरों का पलायन हो रहा है। अभी दक्षिण की तरफ तमिलनाडु, केरल, तेलांगाना में बिहार के मजदूरों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। उन्होंने भास्कर के सवाल पर कहा कि यह सही है कि 30 साल में बिहार सरकार ने मजदूरों के पलायन रोकने के लिए क्या किया वह सवाल भी हम उठा रहे हैं। एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री बंद हो गई, लेकिन यही सुशील कुमार मोदी कहते रहे हैं कि बाहर के मजदूर बिहार में काम करने आ रहे हैं। सच यह है कि डेढ़ करोड़ मजदूर कोराना के समय लौटे। उन्होने कहा कि बिहार की तीन करोड़ की आबादी जिसमें परमानेंट वर्कर, टेंपररी वर्कर और सीजनल वर्कर हैं जो बाहर काम कर रहे हैं। मोदी सरकार ने माइग्रेट वर्कर के लिए केन्द्रीय कानून बनाने की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया। पार्लियामेंट में इसको लेकर चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि 9 से 15 मार्च को प्रवासी मजदूर एकजुटता सप्ताह मनाया जाएगा।

प्रदर्शन कर रखीं तीन मांगें

1. भाजपा के झूठ, अफवाह और मजदूर विरोधी अंबानी- अडानी परस्ती का विरोध करें और भाजपा के नेताओं की गिरफ्तारी हो। 2. प्रवासी मजदूरी की सुरक्षा, सम्मान और जीने लायक मजदूरी की गारंटी के लिए केन्द्रीय कानून बनाओ। 3. मनरेगा में 200 दिन काम, 600 रुपए दैनिक मजदूरी और कार्यस्थल का भुगतान की गारंटी हो।

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