बिहार में कोरोना के 2362 नए संक्रमित मामले आए हैं। बिहार में संक्रमण की दर अब 1.57% हो गई है। वहीं, राज्य में अब कुल एक्टिव मामले 14,771 हो गए हैं। नए संक्रमण में बिहार देश में 20वें स्थान पर है। इधर, पटना में 24 घंटे में 5046 जांच हुई है। पटना में मंगलवार को 284 नए मामले आए हैं। राज्य में कोरोना का आंकड़ा भले ही कम हो रहा हो, लेकिन मौत का खतरा नहीं टल रहा है। हर दिन मौत के आंकड़े डरा रहे हैं।
सोमवार को पटना AIIMS में भर्ती 3 संक्रमितों की मौत हुई है, जिसमें सभी महिलाएं हैं। मौत का कारण कोरोना से शरीर के मल्टी ऑर्गन का फेल होना बताया जा रहा है। इससे पहले सोमवार को 1821 नए मामले आए और 4829 ठीक हुए।
बिहार में ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2
बिहार में ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2 है। हालांकि, पूरी दुनिया में दहशत मचाने वाला यह स्ट्रेन यहां कमजोर पड़ता दिख रहा है। पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में दो बार में कराए गए 72 सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग में 64 लोगों में ओमिक्रॉन का BA.2 सब स्ट्रेन पाया गया था। एक्सपर्ट का कहना है कि सैंपल सर्वे से पता चलता है कि राज्य में यह सब स्ट्रेन अधिक है।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इस नए सब स्ट्रेन से राज्य में VIP से लेकर विदेश से आने वाले लोग भी संक्रमित हुए, लेकिन इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं हुआ है। अब लगभग सभी संक्रमित निगेटिव हो गए हैं। कोरोना पॉजिटिव होने वालों की ट्रैवेल हिस्ट्री को लेकर जांच पड़ताल कराई गई, जिसके बाद यह सब-स्ट्रेन सामने आया। वहीं, बाहरी एक्सपर्ट लगातार चेतवानी दे रहे हैं कि यह कभी भी तेज हो सकता है। यह कोरोना की दो लहर लाने की क्षमता रखता है।
88.9% में नया सब-स्ट्रेन
IGIMS में 3 जनवरी को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए पहली बार सैंपल लिया गया। पहले शिफ्ट में लगाए गए 32 सैंपल की रिपोर्ट 9 जनवरी को आई, जिसमें 85% में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई। 12% में डेल्टा तथा 3% अन्य वैरिएंट पाए गए। इसमें एक सैंपल में किसी वैरिएंट की पहचान नहीं हो पाई थी।
वहीं, दूसरी शिफ्ट में लिए सैंपल की जांच रिपोर्ट 19 जनवरी को आई, इसमें 100% में ओमिक्रॉन पाया गया। चौंकाने वाली बात है कि सभी सैंपलों में ओमिक्रॉन का नया सब-स्ट्रेन BA.2 पाया गया है।
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