म्यूटेशन अपील के मामलों में ऑनलाइन आवेदन देने के लिए 2006-07 की समय सीमा खत्म कर दी गई है। अब उससे पहले के पुराने मामलों में भी DCLR कोर्ट में अपील दायर की जा सकती है। इसके लिए सॉफ्टवेयर में जरूरी संशोधन कर दिया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इससे संबंधित एक पत्र सभी समाहर्ता को लिखा है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि जिलों से भूमि सुधार उप समाहर्ता और अपर समाहर्ता के अनुरोध इसको लेकर आ रहे थे। आम लोगों की भी मांग थी कि सभी पुराने मामलों में ऑनलाइन आवेदन देने की सुविधा सभी लोगों को दी जाए। इसी के मद्देनजर यह व्यवस्था की गई है। उम्मीद है कि अब लोग पुराने मामलों में भी घर बैठे म्यूटेशन के अस्वीकृत मामलों में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा से लाभान्वित होंगे।
टाइम बैरियर को भी हटाया गया
पिछले दिनों जब यह सेवा शुरू की गई थी तो 2006 के बाद के मामलों में ऑनलाइन अपील करने का प्रावधान किया गया था। अंचल अधिकारी द्वारा म्यूटेशन को अस्वीकृत करने की स्थिति में भूमि सुधार उप समाहर्ता को सुनवाई करके निर्णय लेने का अधिकार है। म्यूटेशन की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के कुछ दिनों के बाद विभाग ने म्यूटेशन अपील को भी ऑनलाइन कर दिया था। उस वक्त 2006-07 का जो टाइम बैरियर लगाया गया था उसे आम लोगों की सुविधा को देखकर हटा दिया गया है।
अस्वीकृति के बढ़ते मामलों से बढ़ी थी चिंता
नए आकड़ों पर गौर करें तो अब तक एक करोड़ से अधिक दाखिल खारिज के मामले ऑनलाइन दायर किए गए हैं जिसमें से करीब एक तिहाई अंचल अधिकारियों द्वारा विभिन्न कारणों से रद्द कर दिए गए हैं। अस्वीकृति के बढ़ते मामलों से चिंतित विभाग ने एक मार्च से पूरे बिहार के अंचल कार्यालयों में FIFO लागू किया है और अस्वीकृत मामलों की ऑनलाइन आवेदन देने में पहले से चली आ रही समय सीमा में संशोधन किया है।
ऑनलाइन से प्राप्त आवेदनों का 30 दिनों के अंदर निष्पादन
अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के मामले अस्वीकृत होने पर 30 दिनों के भीतर DCLR कोर्ट में अपील दायर करने का प्रावधान है। लेकिन समुचित कारण होने पर DCLR को इस एक माह की समय सीमा को बढ़ाकर आवेदन स्वीकृत करने का अधिकार है। ऑनलाइन विधि से प्राप्त इस तरह के आवेदन को सुनवाई के बाद 30 दिनों की तय समय सीमा के भीतर निष्पादन किया जाना है।
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