पटना में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। बीते 24 घंटों में गंगा का जलस्तर और बढ़ गया है। दो दिन पहले गुलबी घाट स्थित श्मशान घाट के जिन प्लेटफॉर्म पर चिताएं जलाई जा रही थीं, आज उन प्लेटफॉर्म पर गंगा का पानी चढ़ चुका है। घाट पर बना विद्युत शवदाह गृह पहले से ठप है। गंगा के जलस्तर में लगातार उफान जारी है। राजधानी के सभी घाटों पर नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की टीम भी अलर्ट मोड में है। पटना सुरक्षा बांध समेत सभी तटबंधों पर नजर रखी जा रही है।
दीघा घाट, बांसघाट पर लकड़ी से कराए जाने वाले अंतिम संस्कार स्थल डूब गए हैं। गुलबी घाट पर विद्युत शवदाह गृह में पानी घुस गया है और शॉर्ट सर्किट की वजह से मशीन बंद हो गई है। दो दिन बाद भी विद्युत शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया है। दूसरी तरफ लकड़ी से अंतिम संस्कार कराने के लिए बनाये गए प्लेटफॉर्म पर गंगा का पानी चढ़ गया है। इस मुश्किल के बीच लोग घाट के उपर ही चबूतरे पर अंतिम संस्कार कर रहे हैं। गांधी घाट पर गंगा खतरे के निशान से ऊपर 50. 23 मीटर पर है। यहां गंगा के पानी का रिकॉर्ड स्तर 50.80 मीटर है। ये अगस्त 2016 में दर्ज किया गया था ।
मंत्री बोलीं - किसी भी तरह से निपट लेगें, सरकारी आंकड़ों में 5 की बाढ़ से हुई मौत
बाढ़ से बिगड़ते हालात पर जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी ने कहा, 'हम तैयार हैं, किसी भी तरह से निपट लेंगे। सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के राहत के लिए लगातार काम किया जा रहा है।'
विभाग के मुताबिक, राज्य में बाढ़ से अबतक 5 लोगों की जानें गई हैं। मंत्री ने कहा कि पटना शहर के जिन भवनों में पानी घुसा है वहां पंप से पानी निकाला जा रहा है। मंत्री के मुताबिक, बिहार के 15 जिलों के 82 प्रखंड और 1299 पंचायत बाढग्रस्त हैं। 16 लाख 91 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 7 हजार 660 बाढ़ पीड़ित सरकार के बनाये कैम्पों में रह रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों के 178 कम्यूनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं।
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