पटना हाई कोर्ट ने विगत 27 अप्रैल को प्रकाशित असिस्टेंट प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर (APO) के रिजल्ट को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से हलफनामा दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की एकल पीठ ने प्रज्ञा नंद शुक्ला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता ने नए सिरे से APO की प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को प्रकाशित करने की मांग की है। आयोग द्वारा राज्य के गृह विभाग के अंतर्गत 553 APO की नियुक्ति हेतु विज्ञापन संख्या- 01/ 2020 निकाला गया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास कुमार पंकज ने बताया कि उक्त मामले में मुख्य परीक्षा के लिए सीट के दस गुना रिजल्ट निकाला जाना चाहिए था, लेकिन आयोग के द्वारा तय संख्या से 36 कम रिजल्ट निकाला गया।
वहीं, दूसरी ओर मुख्य परीक्षा आगामी 25 अगस्त को आयोजित होने वाली है। इसको देखते हुए कोर्ट ने आगामी 18 अगस्त को मामले को टॉप टेन केसों में सूचीबद्ध करने को कहा है। प्रारंभिक परीक्षा विगत सात फरवरी को आयोजित की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता भी शामिल हुआ था।
विगत 27 अप्रैल को प्रीलिमिनरी टेस्ट का रिजल्ट घोषित हुआ था, जिसमें याचिकाकर्ता ने कट ऑफ मार्क्स से 0.25 मार्क्स कम हासिल किया था। याचिकाकर्ता को सामान्य वर्ग में 138.50 मार्क्स प्राप्त हुआ था, जबकि कट ऑफ 138.75 पर निर्धारित किया गया था। इसी कट ऑफ के आधार पर आयोग की ओर से मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रारंभिक परीक्षा में 2214 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया। BPSC ने 2214 उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग से लिया, जबकि सामान्य वर्ग के लिए 225 सीट है, इसलिए 2250 उम्मीदवारों को शामिल करना चाहिए था।
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